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फाइलें बैगों में भरकर सिर पर रख पहुंचे विस्थापित, पेश किए एक हजार दावे

ओंकारेश्वर बांध के विस्थापितों ने शुक्रवार को नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन कार्यालय (एनएचडीसी) में अपने पुनर्वास के 1000 दावे प्रस्तुत किए।

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Ombudsman of Omkareshwar Dam submitted applications in NHDC office

Ombudsman of Omkareshwar Dam submitted applications in NHDC office

खंडवा. ओंकारेश्वर बांध के विस्थापितों ने शुक्रवार को नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन कार्यालय (एनएचडीसी) में अपने पुनर्वास के 1000 दावे प्रस्तुत किए। विस्थापित दावों के दस्तावेज बैगों में भरकर सिर पर रख एनएचडीसी कार्यालय पहुंचे। यहां अधिकारियों को दावे सौंपे। प्रक्रिया में समय लगने पर विस्थापित कार्यालय के बाहर बैठे रहे। जगह कम पडऩे पर कुछ लोग गर्मी के बीच पेड़ की छांव में बैठे नजर आए। नर्मदा आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने बताया सैकड़ों विस्थापितों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के संदर्भ में अपना विकल्प चुनते हुए दावे प्रस्तुत किए हैं। इन दावों में जमीन के लिए जमा राशि व राज्य सरकार के पैकेज पर 90 प्रतिशत ब्याज जोड़कर दिए जाने की मांग की है। साथ ही घर, प्लाट, छूटे हुए मकान और अन्य पुनर्वास के मुद्दों पर भी मांगपत्र प्रस्तुत किए गए हैं।

कोर्ट के आदेश के बाद दिखाई बंजर जमीन
जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में मप्र उच्च न्यायालय ने विस्थापितों को जमीन देने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील में चली गई। वर्ष 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने पुन: जमीन देने का आदेश दिया। इसके लिए शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष जाने को कहा। विस्थापितों की याचिका पर शिकायत निवारण प्राधिकरण ने सभी आदेशों में कहा कि सरकार ने पुनर्वास नीति का पालन नहीं किया है। यदि विस्थापित उसे दिए मुआवजे का आधा व विशेष पुनर्वास अनुदान वापस करता है तो उसे जमीन दी जाएगी। विस्थापितों द्वारा पैसा वापस करने के बावजूद सरकार ने कुछ लोगों को जमीन दिखाई। लेकिन वह जमीन बंजर और अतिक्रमित थी। जिस कारण विस्थापितों ने लेने से इनकार कर दिया।

पुनर्वास के बाद ही भरा जा सकेगा बांध
इधर, पिछले दिनों नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मंडल ने नर्मदा मंत्री सुरेंद्र बघेल से मुलाकात की। इस दौरान मांग रखी थी कि संयुक्त प्रयास कर सभी विस्थापितों को पुनर्वास के अधिकार प्रदान कराए जाएं। ताकि विस्थापितों को उनके सभी अधिकार मिल जाए और बांध में पानी भरा जा सके। इसी के आधार पर जमीन के साथ घर, प्लाट और पुनर्वास के सभी अधिकारों की मांग के साथ विस्थापितों ने फाइल जमा की है। इधर, एनएचडीसी अफसरों की मानें तो शासन इस वर्ष बांध का पूरा भरेगा। इसके लिए विस्थानों का पूर्णता पुनर्वास कराने की तैयारी है।

वर्जन...
बांध के डूब क्षेत्र में कामनखेड़ा, घोघलगांव, एखंड, ओखी, केलबाबुजुर्ग ग्राम आ रहे हैं। इनमें 236 लोगों को विस्थापित किया जाना है। कोर्ट के आदेशानुसार विस्थापितों की सुनवाई की जा रही है। विस्थापित चाहे तो एक से दो दिन में भी राशि ले सकते हैं। आवेदन करते ही उनको भुगतान कर दिया जाएगा।

शरद जयकर, उप महाप्रबंधक, एनएचडीसी