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किशोर दा के पुश्तैनी बंगले को लेकर पढ़ें आखिर क्या किया बेटे ने

अर्जुन कुमार ने इस मकान को बेचने के लिए खंडवा के प्रापॅटी ब्रोकर से सौदा किया तो...

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खंडवा

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Rahul Singh

Jul 17, 2018

kishore kumar memories

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खंडवा. हरफनमौला किशोर कुमार के खंडवा स्थित पुश्तैनी बंगले को लेकर उनके बेटे और भतीजा आमने-सामने हो गए हैं। कल्याण कुमार उर्फ अनुप कुमार के बेटे अर्जुन कुमार ने इस मकान को बेचने के लिए खंडवा के प्रापॅटी ब्रोकर से सौदा किया तो किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने इस प्रक्रिया में कानून का सहारा ले लिया है।
बता दें कि मई में किशोर दा का बंगला बिकने का मामला सामने आया था। तब ये चर्चाएं उठी थीं कि 7655 वर्गफीट के इस मकान को १४ करोड़ रुपए में सौदा हुआ है। खरीदारों में खंडवा के प्रॉपर्टी ब्रोकर अभय जैन का नाम सामने आया। हालांकि बेचवाल भतीजे अर्जुन कुमार व खरीदारों की मुलाकात दलालों के माध्यम से हुई थी। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यहां किशोर कुमार के बंगले की खरीदी-बिक्री के संबंध में किसी भी तरह की रजिस्ट्री नहीं हुई है। यहां बॉम्बे बाजार में स्थित पुश्तैनी मकान में ११ किराएदार काबिज हैं। मकान का जो हिस्सा खाली है, उसका उपयोग दुकानदार गोदाम के रूप में करते हैं। यहां गांगुली परिवार की ओर से 42 साल से चौकीदार सीताराम की तैनाती है।


इस तरह दर्ज कराई है आपत्ति
वकील के माध्यम से जारी की गई जाहिर सूचना का मजमून है कि ये संपत्ति अमित कुमार पिता स्व. किशोर कुमार गांगुली व चचेरे भाई अर्जुनकुमार पिता कल्याण कुमार उर्फ अनुपूकुमार गांगुली के नाम से राजस्व अभिलेखों में संयुक्त रूप से दर्ज है। अमित कुमार को ये पता चला है कि अर्जुन कुमार उक्त संपत्ति को स्वयं की मालिकी व स्वत्व की संपत्ति दर्शाकर सहमति के विरूद्ध बाले-बाले विक्रय पत्र या अन्य कोई लेख्य का निष्पादन का पंजीयन कराने के लिए प्रयासरत है। ये संपत्ति खानदानी पैतृक संपत्ति है और सरकारी दस्तावेजों में अमित कुमार व अर्जुन कुमार के नाम से संयुक्त रूप से दर्ज है। संपत्ति को किसी भी तरह से विक्रय करने या हस्तांतरित करने का अर्जुन कुमार को कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। संपत्ति का किसी तरह का बंटवारा नहीं हुआ है। ये भी तय नहीं है कि कौन-सा भाग किसके हिस्से में आएगा। इसलिए कोई भी व्यक्ति, संस्थान अर्जुनकुमार या उसके प्रतिनिधि से विक्रय अंतरण न कराएं और न ही किसी प्रकार से आधिपत्य प्राप्त करें।


कार्रवाई की भी दी गई है चेतावनी
जाहिर सूचना के माध्यम से ये स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति, फर्म, संस्थान, बैंक या अन्य द्वारा इस संपत्ति के संबंध में किसी भी तरह से व्यवहार, संव्यवहार, अंतरण लेख या सौदा चिट्ठी निष्पादित किया जाता है तो इस तरह का कोई भी करार, संव्यवहार अमित कुमार पर अविभाजित संपत्ति के संबंध में अवैधानिक एवं विधि विरूद्ध होगा तथा बंधनकारक नहीं रहेगा। अगर एेसा किया जाता है या किया जा चुका है तो इसके विरूद्ध विधिपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।


जर्जर हिस्सा ढहाने का नोटिस दे चुका निगम
अर्जुन के मुताबिक यह मकान उनके चाचा किशोर कुमार ने उनके पिता अनूप कुमार को दिया था। अर्जुन की मानें तो आज भी इस मकान का 75 प्रतिशत हिस्सा उनके नाम से है जबकि कुछ हिस्सा बंटवारे में सुमित (किशोर कुमार के पुत्र) को मिला है। बता दें कि नगर निगम ने जब यहां 10 जुलाई 2017 को मकान के जर्जर हिस्से को ढहाने का नोटिस चिपकाया था, तब उस पर भी कल्याण कुमार कुंजीलाल गांगुली, अमित कुमार किशोर कुमार व अन्य का नाम लिखा था। निगम रिकॉर्ड में इन्हीं नाम पर ये संपत्ति दर्ज है।