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ऐसी बस, जिसमें कंबल ओढ़कर करना पड़ती है यात्रा

बसों से गायब हैं खिड़की के शीशे, अनफिट बसों में यात्रा की मजबूरी

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Such a bus, in which one has to travel by wearing a blanket

Such a bus, in which one has to travel by wearing a blanket

खंडवा. अभी तक जंग से टूट कर जर्जर हो चुके इमरजेंसी गेट, फूटी लाइट, टूटे साइड मिरर ही यात्री बसों में नजर आ रहे थे। अब एक ऐसी बस खंडवा में चलती नजर आई जिसकी खिड़की से शीशे ही गायब हैं। ऐसे में कहना लाजमी होगा कि अगर इस तरह की बस में यात्रा करना है तो यात्री रजाई कंबल अपने साथ लेकर जाएं।
पत्रिका लगातार ऐसी बसों के खिलाफ मुहिम चला रही है जो अनफिट हैं और यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। इन बसों को फिटनेस पत्र जारी करने वाला परिवहन विभाग फिटनेस जारी करने के बाद दोबारा यह देखने की हिमाकत नहीं करता कि बस की हालत क्या है? बसें अनफिट हैं यह तस्वीरों से साफ जाहिर है, इसके बावजूद जिम्मेदार सख्त कार्रवाई का मन नहीं बना पा रहे।
बस में दर्ज है गलत नंबर
जिस बस की खिड़की से शीशे गायब हैं, उस बस में आगे की ओर नंबर भी पूरा नहीं लिखा है। इस बस में एमपी 9 एफए 9505 नंबर दर्ज है। जबकि 9 के पहले का अंक लिखना भी अनिवार्य है। आर्या ट्रेवल्स की इस अनफिट बस में यात्रा कितनी सुखद होगी यह सबके सामने है।
मजबूरी का उठा रहे फायदा
खंडवा में जिम्मेदार अधिकारी लोक परिवहन के वाहनों की फिटनेस पर संजीदा नहीं हैं। जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो यातायात पुलिस के अधिकारी अगल ही दिन से जांच करना शुरू कर देते हैं। लेकिन इसके पहले सभी को हादसे का इंतजार रहता है। परिवहन महकमा भी जानकर अनजान बना रहता है। बस ऑपरेटर यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनके पूरा किराया लेकर अनफिट बसों मूें यात्रा करा रहे हैं।
बस मालिक नहीं देते ध्यान
यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीरता दिखाते हुए एसपी विवेक सिंह पूर्व में बस ऑपरेटर्स की बैठक ले चुके हैं। जिसमें निर्देशित किया गया था कि बस संचालक बस के टायर, मडगार्ड, वाईपर, हेड लाइट, रिफ्लेक्टर, बैक लाइट, इमरजेंसी गेट, खिड़की के शीशे का मेंटेनेंस बढ़िया रखें। इन निर्देशों का पालन कितना हो रहा, इस पर विभाग को गौर करना होगा।