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तीन साल पहले भवन तो नया बना, डॉक्टर नहीं मिले, इलाज के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ रही

- स्वास्थ्य केंद्र पर ५६ गांव के ग्रामीण आते हैं उपचार कराने- पूर्व मंत्री ने एक-एक एसी एंबुलेंस की दी थी सौगात, खालवा में खा रही धूल

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dur jana pad raha hai ilaj ke liye

doctor ke intejar me baithe marij


पटाजन. रोशनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली की मार झेल रहा है। संसाधनों के अभाव के कारण लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लंबी दूरी तय कर अपना उपचार कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारी के पदस्थापना नहीं होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवा केंद्र में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। पुरानी जगह से नई जगह पर 3 वर्ष पूर्व खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध नहीं है और ना ही मरीजों के लिए सुविधाएं हैं।
विदित हो कि इस स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले 56 गांव के लिए केवल एक फॉर्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और वार्डबॉय है। शासन ने नवंबर 2015 में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का शुभारंभ किया गया था तो लोगों को लगा था कि अब उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र खुलने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जस की तस बनी हुई है। डॉक्टर न होने के कारण नर्स आने वाले मरीजों का इलाज करती है और जब संख्या बढ़ती है तो वार्डबॉय और फॉर्मासिस्ट ही इंजेक्शन के साथ ड्रिप लगाकर उपचार करते हैं।
काफी समय बीतने के बाद भी आदिवासी अंचल के महत्वपूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर को ना भेजना विभाग के अधिकारियों की आदिवासियों के प्रति उदासीनता और लापरवाही को उजागर करती है। पूर्व मंत्री विजय शाह ने 1 साल पहले खालवा व रोशनी में एक-एक एसी एंबुलेंस की सौगात दी थी। जहां दोनों ही एंबुलेंस खालवा में कई दिनों से धूल खा रही है। जिसकी ग्रामीणों को सेवा नहीं मिल पा रही है।

56 गांव आते हैं स्वास्थ्य केंद्र में
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 56 गांव के लगभग 90 हजार की आबादी है, लेकिन यहां के गरीबों को इस स्वास्थ्य केंद्र का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त डॉक्टर एवं सुविधा की कमी के चलते अभी भी लोगों को इलाज कराने के लिए 35 किलोमीटर दूर खालवा या 70 किलोमीटर खंडवा जाना पड़ता है।
रोशनी केंद्र में नहीं एंबुलेंस की व्यवस्था
केंद्र में एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है। इसे बुलाने पर यह खालवा या हरसूद से आती है। जिससे अधिक समय हो जाता है। ऐसे में मरीजों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विदित हो कि जननी 108 एंबुलेंस की सुविधा ना मिलने से अंबाड़ा की सावित्रीबाई की प्रसव के दौरान 1 जुलाई को मौत हो गई थी।

पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं
अस्पताल में पानी की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। आने वाले मरीजों को पानी की परेशानी होती है। पानी ना होने की वजह से शौचालय में भी साफ -सफाई नहीं हो पाती है। जिससे गंदगी फैली रहती है।

-रोशनी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की कमी चिंतनीय है, इसीलिए वहां पर जल्द ही रिक्त पद भरा जाएगा। क्षेत्रवासियों के लिए 108 एंबुलेंस जननी एक्सप्रेस की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे क्षेत्रवासियों को सुविधा मिल सके।
डीडी उइके, सांसद
-रोशनी स्वास्थ्य केंद्र में भेजने के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। इसलिए फॉर्मासिस्ट और नर्स की बदौलत अभी स्वास्थ्य केंद्र चलेगा।
डीएस चौहान, सीएमएचओ, खंडवा