खरगोन.
बिस्टान उद्वहन योजना के तहत एक ओर जहां किसानों को पानी का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर पाइप खेतों में लगी पेटियों से पानी की बर्बादी हो रही है। बिस्टान क्षेत्र में कई जगह नालों में इसी तरह पानी बह रहा है। सोमवार को ग्राम घट्टी के पास खुली पेटियों से वाल्व खराब होने के बाद बड़ी मात्रा में पानी बहता देखा गया। किसानों ने बताया कि नहर का पानी खेतों में भरने से जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। जिससे ग्रीष्मकालीन कपास के पौधे व अन्य फसलें खराब हो रही है। वहीं इस ओर एनवीडीए अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। पाइप लाइन के लीकेज के चलते भी बार-बार किसानों को परेशान होना पड़ता है। जिससे अफसरों के दावों की भी पोल खुल रही है। बता दें कि बिस्टान उद्वहन योजना 2017 में स्वीकृत हुई थी। इस योजना में 370 करोड़ के लगभग राशि खर्च हुई है। इसके बावजूद क्षेत्र के कई गांवों में अभी तक नहर का पानी नहीं पहुंचा है। वहीं जहां पानी दिया जा रहा है, उन इलाकों में भी पाइप लाइन लीकेज होने और खुली पेटियों में वाल्व टूटने अथवा कनेक्शन उखडऩे की समस्या से किसान परेशान है।
92 गांवों की 22 हजार हेक्टेयर सिंचाई
गोगावां और बिस्टान क्षेत्र के 92 गांवों के किसानों को पानी देने का लक्ष्य रखा गया। इस योजना के प्रथम और दूसरे चरण में जरुरी काम पूरा हो गया। लेकिन तीसरे चरण में अब भी कई क्षेत्रों में काम अधूरा है।
किसान कर चुके है शिकायत
बिस्टान योजना को पूरा करने के लिए जहां राजनेता श्रेय ले रहे हैं। वहीं पानी नहीं मिलने से किसान परेशान है। पिछले महीने किसानों ने खरगोन पहुंचकर नहर में पानी छोडऩे की मांग की थी। जिसके बाद पानी चालू हुआ। वहीं उपयोगी पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है।