
खरगोन. इस तरह 42 एकड़ क्षेत्र में आकार ले रहा है इस्कॉन मंदिर।
खरगोन.
मप्र प्रदेश का खरगोन जिला। शांति और सुकून के इस टापू पर मध्य भारत का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर बन रहा है। जिला मुख्यालय से ६ किमी दूर राजपुरा के निकट इसकी नींव रखी गई है। काम अंतिम दौर में है। ४२ एकड़ रकबे में फैले इस परिसर में दो दिनी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत शनिवार से हुई। कल महाअभिषेक होगा। मंदिर की खासियत यह है कि इसकी ऊंचाई १०८ फीट है। यहां धर्म, अध्यात्म व स्वास्थ्य की गतिविधियां चलेंगी। यह मंदिर श्रीश्री राधा गोपीनाथ मंदिर के रूप में जाना जाएगा। परिसर में छोटी पहाड़ी पर साढ़े छह एकड़ में मंदिर बना है।
इस्कॉन समिति के डॉ. श्यामसुंदर महाजन ने बताया यह मध्य भारत का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है। शनिवार से यहां दो दिनी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू हो गया है। इस्कॉन वृंदावन पुजारी मुकुंद प्रभूजी के सान्निध्य में वृंदावन, मथुरा सहित विदेशों के संत अनुयायी शामिल होने आए हैं। पहले दिन कलश स्थापना, यज्ञ व कीर्तन हुआ। रविवार को महाअभिषेक होगा। मंदिर में श्री राधा गोपीनाथ के साथ चैतन्य महाप्रभु की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्रतिमाएं जोधपुर से बुलवाई गई हैं। मंदिर निर्माण में समिति पिछले 4 सालों से काम कर रही है।
विदेशी भक्तों पर ऐसा चढ़ा रंग कि डूबे भक्ति में
मंदिर में महोत्सव के पहले दिन रौनक देखने लायक रही। यहां बड़ी संख्या में विदेशी अनुयायी भी पहुंचे। सफेद व भगवा रंग के परिधान पहने अनुयायी हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हारे-हारे का जाप करते दिखे। महिला अनुयायी भी भारतीय परिधान पहने भक्ति में रमी नजर आई।
मंदिर परिसर में होगी यह सुविधाएं
-सत्संग हाल में भक्तों के लिए हर सुविधा होगी।
-भक्त प्रसादम में मेहमान भक्त ठहरेंगे।
-मंदिर का बाहरी हिस्सा सुंदर होगा।
-भीतर भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की घटनाओं की खूबसूरती नजर आएगी।
-कोशिश है कि यहां परिक्रमा के लिए गोवर्धन पर्वत बनाया जाए।
-वृद्धाश्रम केंद्र व संडे स्कूल का संचालन भी प्लान में शामिल है।
-धार्मिक साहित्य के लिए पुस्तकालय होगा।
-आयुर्वेद व नेचुरोपैथी पर आधारित चिकित्सा होगी।
Published on:
19 Feb 2022 07:28 pm
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