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नोदबंदी के विरोध में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के गढ़ में बुलाई रैली, विधायक भाई की मौजूदगी में ही समर्थकों में मारपीट

प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का ताना-बाना बुन रही कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब नोटबंदी के खिलाफ आयोजित जन-आक्रोश रैली में कार्यकर्ताओं ने आपस में जमकर मारपीट की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के गृह जिले में हुई इस घटना ने कांग्रेस नेताओं की एकदिनी एकता को तार-तार कर दिया। मैदान की एकता मंच के सामने मारपीट में बदल गई... 

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Rajiv Jain

Jan 06, 2017

Congress protest rally for Notbandi, clash between

Congress protest rally for Notbandi, clash between supporters in presence of president's MLA Brother

खरगोन. प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का ताना-बाना बुन रही कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब नोटबंदी के खिलाफ आयोजित जन-आक्रोश रैली में कार्यकर्ताओं ने आपस में जमकर मारपीट की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के गृह जिले में हुई इस घटना ने कांग्रेस नेताओं की एकदिनी एकता को तार-तार कर दिया। केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की घोषणा के पूरे 59 दिन बाद कांग्रेस इसके विरोध में उतरी। इसके तहत जिला मुख्यालय पर भी जन-आक्रोश रैली का आयोजन किया गया था। दोपहर दो बजे किला मैदान से निकली रैली कलेक्टोरेट के सामने पहुंची। यहां पर मंच बनाया गया था व कांग्रेस नेताओं के भाषण होने थे। दो वर्ष में यह पहली बार था, जब कांग्रेस के परस्पर विरोधी गुटों के नेता एकसाथ मंच साझा कर रहे थे। इनमें पूर्व राज्यसभा सदस्य विजयलक्ष्मी साधौ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के छोटे भाई व कसरावद विधायक सचिन यादव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक झूमा सोलंकी व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव रवि जोशी शामिल थे। मंच पर भगवानपुरा क्षेत्र के विधायक विजयसिंह सोलंकी को आमंत्रित ही नहीं किया गया था। मंच पर जब सचिन यादव भाषण दे रहे थे इसी दौरान जोशी समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी व जोशी का भाषण कराने की मांग करने लगे। इस बीच मंच पर खड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझाइश भी दी, लेकिन कार्यकर्ताओं की नारेबाजी जारी रही। यह देखकर यादव समर्थक कार्यकर्ता भी तैश में आ गए व उन्होंने भी नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं द्वारा आमने-सामने की जा रही नारेबाजी के दौरान ही कार्यकर्ताओं में मारपीट शुरू हो गई। इसके बाद अफरातफरी का माहौल बन गया। इस मारपीट में कार्यकर्ताओं ने दोपहिया वाहनों के साथ ही पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पलट दिए। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप कर आपस में गुत्थमगुत्था हुए कार्यकर्ताओं को अलग-अलग किया। मारपीट के बीच ही यादव ने अपना भाषण खत्म किया व सभी नेता कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन कलेक्टर अशोक वर्मा को सौंपकर नोटबंदी का निर्णय वापस लेने की मांग की गई।




clash between supporters in presence of president
अरसे बाद एक जाजम पर आए कांग्रेस के क्षत्रप
पहले विधानसभा व फिर लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस ने शुक्रवार को मैदानी एकता का प्रदर्शन किया। दो वर्ष बाद कांग्रेस के क्षत्रप एक जाजम पर आए। नेताओं के गुटों में बंटे कार्यकर्ता भी उत्साहित थे, लेकिन मंच पर आते ही यह उत्साह मारपीट में बदल गया और नोटबंदी का विरोध करने आए कार्यकर्ता एक-दूसरे के ही विरोधी हो गए। मौका था जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा नोटबंदी के विरोध में जनआक्रोश रैली का। किला मैदान से शुरू हुई इस रैली में कांग्रेस के प्रभावशाली नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग चलते रहे। इस प्रकार कांग्रेस का 'जनआक्रोश पूरी तरह बिखरकर रह गया। नेताओं के भाषण के दौरान कार्यकर्ताओं में हुई मारपीट के बाद नेताओं ने भाषण बंद कर मंच छोड़ा और कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इस घटना से नेता भी मायूस दिखे क्योंकि रैली के माध्यम से उन्होंने जो प्रभाव उत्पन्न किया था, मारपीट के कारण उस पर पानी फिरकर रह गया। रैली में जिलेभर से आए लगभग 500 से अधिक कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के गृह जिले में हुई यह घटना पूरे शहर में चटखारों की विषय-वस्तु बनकर रह गई।

khargone
यादव गुट के हाथ थी बागडोर
नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने व आम नागरिकों को कोई राहत नहीं मिलने से इसके विरोध में कांग्रेस ने मैदान पकड़ा। प्रदेश स्तरीय आह्वान के तहत जिला मुख्यालय पर भी जनआक्रोश रैली आहूत की गई थी। प्रारंभ से ही इस आंदोलन की बागडोर पूरी तरह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के अनुज कसरावद विधायक सचिन यादव ने संभाल रखी थी। इसके कारण दूसरे गुटों में तीन दिन से अंदर ही अंदर विरोध खदबदा रहा था।



अलग-अलग गुट में चले
शुक्रवार दोपहर दो बजे से किला मैदान से रैली प्रारंभ हुई। इसमें पूर्व राज्यसभा सदस्य विजयलक्ष्मी साधौ, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव रवि जोशी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष झूमा सोलंकी, भगवानपुरा विधायक विजयसिंह सोलंकी अपने-अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग समूह में चल रहे थे। इसके साथ ही सचिन यादव अपने समर्थकों के साथ नारेबाजी करते चल रहे थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं व नागरिकों को फोल्डर वितरित किए जा रहे थे। इनमें नोटबंदी के बाद देशभर में बने विपरीत आर्थिक हालातों का जिक्र किया गया था।


पहले नारेबाजी फिर मारपीट
मंच पर पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तोताराम महाजन ने संबोधित किया। इसके बाद विजयलक्ष्मी साधौ ने उद्बोधन दिया व साधौ के संबोधन के बाद सचिन यादव ने माइक थाम लिया। इस दौरान मंच पर ही रवि जोशी भी खड़े रहे। यादव के भाषण के दौरान जोशी समर्थकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। वे जोशी को माइक देने की मांग करने लगे। इस बीच नारेबाजी करने वाले समर्थकों को समझाइश भी दी गई, लेकिन नारेबाजी जारी रही। यह देखकर यादव समर्थक भी उत्तेजित हो गए और कार्यकर्ता आपस में गुत्थमगुत्था हो गए। लात-घूसे चलने लगे व देखते ही देखते अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान आस-पास खड़े दोपहिया व पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पलट दिए गए। कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं की मनुहार करते रह गए, लेकिन मारपीट नहीं रुकी। इसके बाद यादव ने भाषण बंद किया व मंच से नीचे उतर आए। इस दौरान विजयलक्ष्मी साधौ भी तैश में आ गई और हंगामा करने वालों को उन्होंने भी धकियाया। मंच पर भगवानपुरा विधायक विजयसिंह सोलंकी को नहीं बुलाने से उनके समर्थकों में भी नाराजी थी। इसके बाद सभी कलेक्टोरेट पहुंचे यहां राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन कलेक्टर अशोक वर्मा को सौंपा गया। इधर मारपीट में घायल कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतीक पंवार को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

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