
Abortion In rape case
Abortion In rape case : बलात्कार पीड़िता के गर्भपात को लेकर हाईकोर्ट ने 22 दिन पहले जो गाइड लाइन तय की थी, उसका पालन करने में खरगोन जिले की कोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के गर्भपात का मामला हाईकोर्ट को भेजा था। हाईकोर्ट ने भी इस पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की और गर्भपात का आदेश दिया।
खरगोन जिले के मंडलेश्वर में 6 दिसंबर को बलात्कार की शिकायत दर्ज हुई थी। इसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडलेश्वर ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाने के साथ रिपोर्ट और दस्तावेज इंदौर हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को भेजे थे। हाईकोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए वकील की नियुक्ति कर सुनवाई की। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने बलात्कार पीड़िता(Abortion In rape case) का गर्भपात करने के लिए खरगोन जिला अस्पताल सुपरिटेंडेंट को आदेश जारी किए।
हाईकोर्ट(High Court) ने अपने आदेश में लिखा है कि एडीजे कोर्ट मंडलेश्वर द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की जाती है। इससे इस मामले के तुरंत निराकरण में सहायता मिली है।
-पुलिस स्टेशन का एसएचओ पीड़िता के गर्भवती होने पर जिला न्यायालय को जानकारी भेजेगा।
-गर्भपात का आवेदन आने या न आने की स्थिति में जिला न्यायालय के न्यायाधीश पीड़िता को संबंधित चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल बोर्ड को रिपोर्ट देने के लिए भेजेंगे।
-गर्भपात किया जा सकता है तो जिला न्यायालय मेडिकल रिपोर्ट के आने के बाद पीड़िता और उसके माता-पिता को सूचित करेंगे।
-रिपोर्ट आते ही जिला न्यायालय उच्च न्यायालय की निकटतम रजिस्ट्री को रिपोर्ट करेगा।
-हाईकोर्ट रजिस्ट्री एक रिट याचिका के रूप में ऐसे मामलों को स्वप्रेरणा से पंजीकृत करेगी और रोस्टर वाली संबंधित पीठ के समक्ष तुरंत सूचीबद्ध करेगी, ताकि गर्भावस्था की समाप्ति के संबंध में उचित आदेश पारित किया जा सके।
Published on:
05 Jan 2025 08:11 am
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