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आसमान से बरस रही आग, दोपहर में स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल

चिंता...पूरे प्रदेश में सबसे गर्म खरगोन, 43 डिग्री से तापमान के बीच दोपहर के समय स्कूलों का संचालन, शिक्षक संगठन ने जताया विरोध, छिंदवाड़ा में कलेक्टर ने जारी किया सुबह का आदेश

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खरगोन

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Hemant Jat

Apr 05, 2022

Khargone hottest in the entire state

दोपहर के समय स्कूल पहुंची बालिकाएं

खरगोन.
इनदिनों आसमान से आग बरसने से धरती का सीना भट्टी की तरह तप रहा है। वहीं समूचे प्रदेश में खरगोन सबसे गर्म है और सोमवार तापमान 43.5 डिग्री से दर्ज किया गया। इसके बावजूद शासकीय और निजी स्कूलों का संचालन दोपहर के समय हो रहा है। जिससे छोटे-छोटे बच्चों को भरी दोपहरी में घर से स्कूल जाना पड़ रहा है। इससे उनकी सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है। शिक्षक संगठन द्वारा विरोध करते हुए सुबह की पाली में स्कूल खोलने की मांग की है। मप्र शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह पंवार, सचिव पूनम सिंह नार्वे, कोषाध्यक्ष कय्यूम खान, महेश जोशी, डीएस चौहान, कड़वा मंसारे आदि ने बताया कि प्रदेश में मार्च के अंत से ही गर्मी ने अपना तेवर दिखाना प्रारंभ कर दिया था। खरगोन जिले में प्रचंड गर्मी के कारण हर कोई परेशान है। बावजूद इसके जिले में कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी और 6 टी, 7 वीं और 11 वीं की कक्षाएं दोपहर में लग रही है। जबकि अधिकांश स्कूलों में बिजली, पानी और हवा के लिए पंखे की व्यवस्था नहीं है। दूरदराज गांवों में बच्चों को पैदल ही स्कूल जाना पड़ता है। जिन्हें लू लगने का खतरा बना हुआ है और इस बात से पालक भी चिंतित है। शिक्षक संगठन द्वारा कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूलों का संचालन सुबह साढ़े 7 से 12 बजे तक किए जाने की मांग की है।

छिंदवाड़ा कलेक्टर ने जारी किए आदेश

गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए जहां अधिकांश स्कूलों में दोपहर में स्कूलों का संचालन हो रहा है। वहीं तीन अप्रैल को छिंदवाड़ा कलेक्टर द्वारा आदेश जारी कर स्कूल खोलने का समय सुबह साढ़े 7 से दोपहर 12 बजे तय किया है। वहीं खरगोन में भीषण गर्मी के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। खरगोन में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कलेक्टर को फाइल पुटअप नहीं की गई। जिससे निर्णय होना बाकी है।

साढ़े तीन लाख से अधिक बच्चे

जिले में प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं की संख्या 3800 से 4000 के बीच हैं। जिनमें करीब साढ़े तीन लाख बच्चे अध्ययनरत है। इसके अलावा निजी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र भी सुबह के बजाए दोपहर में खुल रहे हैं। जिससे बच्चों के सहेत पर बुरा असर पड़ सकता है।