
टाइगर के डर से पेड़ों पर चढ़े लोग, गलियों में पसरा सन्नाटा
खरगोन/आभापुरी. टाइगर के खौफ से लोग पेड़ पर चढक़र रखवाली करने लगे हैं, लोग घर से बाहर निकलते समय भी हाथ में लट्ठ और दरांती लेकर चल रहे हैं, हैरानी की बात तो यह है कि लोग अकेले आवाजाही करने से भी डर रहे हैं, ऐसे में गांव की गलियों में भी सन्नाटा नजर आने लगा है।
वन परिक्षेत्र चिरिया में पिछले चार दिनों से आतंक का पर्याप्त बन चुके बाघ से ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण अब घर से बाहर निकलने में डरने लगे है। उन्हें लगता है कि कब बाघ आ जाए और पीछे से हमला कर दें। आलम यह है कि खेतों में खड़ी फसल की देखरेख के लिए ग्रामीण पेड़ पर चढ़कर रखवाली कर रहे हैं, तो मवेशी चराने वाले चरवाहे खुद की सुरक्षा के लिए साथ में लठ, दराते, तीर-कमान आदि औजार लेकर चल रहे हैं।
जंगल की खाक छान रहे वनकर्मीबाघ को ढूंढने के लिए वनकर्मी और फॉरेस्क्ट का अमला गांव और खेत-खेत दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उसकी सही लोकेशन पता नहीं चल पा रही है। चैनपुर के डिप्टी रेंजर पप्पू महाजन ने पत्रिका को बताया कि शुक्रवार शाम को डापटिया गांव में शाम करीब 6 बजे बाघ देखने की सूचना ग्रामीणों द्वारा दी गई थी। जिसके बाद टीम पहुंचे। यहां रहने वाले गंगराम, मोहन और पप्पू ने बाघ को देखा था। कमल का बैल बाघ को देखकर खूंटा उखाड़कर भाग गया। यहां घास और रेत होने से पगमार्क नहीं मिले।
फॉरेस्ट अधिकारियों की मानें तो शनिवार को पूरे दिन सर्चिंग करने के बाद बाघ की सही लोकेशन पता नहीं चली। खंडवा जिले के पंधाना तहसील की रेंज के पाबई में एक किसान के मक्का खेत में छुपे होने की खबर सुबह मिली थी। पंधाना वन अमले को सूचना कर दी। वन अमला अपने साथ पिंजरा सहित बाघ को बेहोश करने की गन साथ लेकर चल रहा है। हालांकि रेस्क्यू की परमिशन नहीं है।
Published on:
12 Mar 2023 05:10 pm
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