
Rajesh Joshi, a teacher showing the Tank Alarm Machine
खरगोन.
घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों से अक्सर हमने ओवरफ्लो होकर व्यर्थ बहते पानी को देखा है। लेकिन ऐसे पानी को सहेजने का बीड़ा एक शिक्षक ने उठाया है। गायत्री नगर निवासी शिक्षक राजेश जोशी अपनी ओर से ऐसी टंकियों पर अपने खर्च से सेंसर मशीन (टेंक अलार्म मशीन) लगाते हैं और जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। अब तक वह करीब २५० घरों की छतों पर सेंसर मशीन लगा चुके हैं।
सीनखेड़ा की मिडिल स्कूल में बतौर गणित टीचर जोशी ने बताया जल प्रदाय होने के बाद लोग घरों में रखी मोटर पंप चालू करते हैं। पानी मकान की छत पर रखी टंकी में छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान टंकी भर जाती है और अक्सर पानी व्यर्थ बहना रहता है। इसे सहेजने के लिए यह रास्ता अपनाया। जोशी किसी भी गली-मोहल्ले में चले जाते हैं और जहां भी इस तरह व्यर्थ पानी बहता दिखता है वहां अपने खर्च पर मशीन लगा देते हैं। मकान मालिक यदि रुपए देने की बात कहता है तो वह उसे अन्य जगह उनकी ओर से वाटर लेवल इंडिकेटर मशीन लगाने की सलाह देते हैं। गायत्री नगर निवासी महिपालसिंह मंडलोई ने बताया जोशी ने उनके घर भी यह मशीन लगाई। बदले में एक कागज पर यह लिखवाया है कि कहीं उन्हें भी इस तरह व्यर्थ पानी बहता दिखा तो वे अपने खर्च से वहां मशीन लगाएंगे। जोशी ने बताया यह काम एनवीडीए के सब इंजीनियर अनिल गुप्ता की प्रेरणा से शुरू किया है। इसके अलावा जोशी ने कुंदा के संरक्षण पर भी गई गीत लिखे हैं। उनकी रिकॉर्डिंग कर करीब ५ हजार कैसेटï्स निमाड़ में बांट चुके हैं।
पांच मिनट में बह जाता है ७० लीटर पानी
एक्सपर्ट बताते हैं कि लगभग हर घर में नल कनेक्शन आधा इंच पाइप से ही किए गए हैं। टंकी भरने के बाद यदि गलती से पांच मिनट भी मोटर चालू रहे तो करीब ७० लीटर से ज्यादा पानी व्यर्थ बह जाता है।
शहर में १८ हजार से ज्यादा कनेक्शन
नपा के जल प्रभारी सरजू सांगले ने बताया शहर में १८ हजार से ज्यादा स्थाई नल कनेक्शन है। प्रत्येक कनेक्शनधारी पानी का स्टोर छतों पर रखी टंकियों में ही करता है। इन सब टंकियों पर सेंसर मशीन नहीं है। ऐसे में यदि १० हजार कनेक्शन से भी प्रत्येक पर यदि २ मिनट भी व्यर्थ पानी (अनुमानित २० लीटर) बहे तो करीब 2 लाख लीटर पानी टंकियों के ओवर फ्लो होने से बहता है।
ऐसे काम करती है मशीन
यह मशीन सेंसरलेस है। इसे घर के अंदर हॉल में लगाते हैं। मशीन से निकले दो तारों को छत के ऊपर लगी टंकी में छोड़ा जाता है। जैसे ही पानी तारों से टच होता है। नीचे हाल में लगी मशीन अलार्म की तरह बजती है। कई मशीनों में अलार्म के तौर पर वाइस रिकॉर्डिंग भी है। मशीन से आवाज आती है- टंकी भर गई है, मोटर बंद कर दें।
Published on:
28 Feb 2018 12:35 pm
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