खडग़पुर रेल अनुमंडल के अंतर्गत ९ दिन में दो रेल दुर्घटनाएं और एक मालगाड़ी में आगजनी की घटना के बाद रेलगाड़ी में सफर करने वाले रेल यात्री दहशत में हैं। वे उपरवाले को याद करके रेल यात्रा कर रहे हैं। रविवार को खडग़पुर रेलवे स्टेशन परिसर में कुछ रेल यात्रियों से बातचीत करने के दौरान उन्होंने अपनी दहशत और दर्द बयां की।
लोग उपरवाले को याद करके कर रहे रेलयात्रा
-दहशत में यात्री
kolkata . खडग़पुर रेल अनुमंडल के अंतर्गत ९ दिन में दो रेल दुर्घटनाएं और एक मालगाड़ी में आगजनी की घटना के बाद रेलगाड़ी में सफर करने वाले रेल यात्री दहशत में हैं। वे उपरवाले को याद करके रेल यात्रा कर रहे हैं। रविवार को खडग़पुर रेलवे स्टेशन परिसर में कुछ रेल यात्रियों से बातचीत करने के दौरान उन्होंने अपनी दहशत और दर्द बयां की। रेल यात्री पंकज अग्रवाल, रमेश चौबे, प्रशांत दास सहित कई यात्रियों का कहना है कि जिस तरह से नौ दिन में खडग़पुर रेलवे अनुमंडल में दो रेल दुर्घटना और एक मालगाड़ी में आगजनी की घटना घटी है, इसके बाद से रेलगाड़ी में सफर करने में डर लग रहा है। हमेशा यही डर दिल में बैठा हुआ है कि कहीं यह रेल यात्रा उनकी अंतिम रेल यात्रा ना बन जाए। कोरोमंडल दुर्घटना की तस्वीर दिल-दिमाग में सांप की तरह कुंडली मारकर बैठी है। काफी कोशिश करते हैं कि इस हादसे को भूल जाएं, लेकिन घटना याद आते ही डर लगने लगता है। लेकिन मजबूरी है, दहशत होने के बावजूद उपरवाले को याद कर उसी के भरोसे सबकुछ छोडक़र रेल यात्रा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 2 जून को ओडिशा राज्य के बालासोर के बाहानागा इलाके में कोरोमंडल एक्स्प्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। कोरोमंडल एक्स्प्रेस ,एक मालगाड़ी और एक एक्स्प्रेस ट्रेन से टकरा गयी थी। इस दौरान 288 रेल यात्रियों की मौत हो गयी थी और पांच सौ से अधिक लोग जख्मी हो गये थे। कोरोमंडल एक्स्प्रेस दुर्घटना के ठीक सात दिन बाद खडग़पुर रेलवे अनुमंडल अंतर्गत 10 जून को एक ही दिन में दो घटना घटी। खडग़पुर रेल अनुमंडल अंतर्गत रुपसा रेलवे स्टेशन के निकट कोयले से लदी मालगाड़ी के डिब्बे में आग लग गयी और मेदिनीपुर-हावड़ा लोकल खडग़पुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुँचने से पहले बेपटरी होकर एक बिजली के खम्भे से टकरा गई। वहीं इस बारे में खडग़पुर शहर के समाजसेवी डा. दीपक दासगुप्ता गुप्ता का कहना है कि रेल दुर्घटना इससे पहले भी हुई है, लेकिन रेल प्रशासन को विषेश ध्यान देना होगा कि हादसा का मुख्य कारण क्या है। यात्रा के दौरान डरे हुये यात्रियों का मनोबल बढ़ाना होगा। यात्रियों को अहसास दिलाना होगा कि हादसा को लेकर अधिक चिंता ना करें। रेल यात्रा को एन्जॉय करने के बारे में सोचें। यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे ने अपने कंधे पर उठा रखी है।