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सेतुओं के बाद अब वॉटर टैंकों का होगा हेल्थ टेस्ट

- माझेरहाट ब्रिज हादसे के बाद राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सेतुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत कोलकाता से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में समय-समय पर सेतुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। अभी यह कार्य पूरा नहीं हुआ है। इस बीच ममता सरकार ने राज्य के सभी वॉटर टैंकों का भी हेल्थ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।

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सेतुओं के बाद अब वॉटर टैंकों का होगा हेल्थ टेस्ट

सेतुओं के बाद अब वॉटर टैंकों का होगा हेल्थ टेस्ट

कोलकाता. माझेरहाट ब्रिज हादसे के बाद राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सेतुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत कोलकाता से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में समय-समय पर सेतुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। अभी यह कार्य पूरा नहीं हुआ है। इस बीच ममता सरकार ने राज्य के सभी वॉटर टैंकों का भी हेल्थ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।

सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों बांकुड़ा जिले के सारेंगा में पानी टंकी के धराधाई होने की घटना से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि गत 22 जनवरी को बांकुड़ा जिले के सारेंगा ब्लॉक अंतर्गत फतेहडांगा गांव में करीब 2 साल पहले निर्मित पानी टंकी गांववालों की आंखों के सामने 2 मिनट में धराशाई हो गई। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर उंगली उठाई। कटमनी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

उल्लेखनीय है कि सारेंगा के आसपास के 12 गांवों में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 7 लाख लीटर की क्षमता वाली इस टंकी का निर्माण मार्च 2017 में कराया था। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी एक निजी संस्था को सौंपी गई थी। घटना को लेकर राज्य के जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री सोमेन महापात्र ने एक जांच कमेटी का भी गठन किया है। गौरतलब है कि उक्त घटना को ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार ने सभी टैंकियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने का फैसला लिया है।