
Calcutta High Court Big Decision
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र के दौरान सत्तारूढ़ टीएमसी विधायकों द्वारा विधानसभा परिसर में राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान बीजेपी विधायकों पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद टीएमसी ने करीब 12 बीजेपी विधायकों पर केस दर्ज कराया था जिनमें से 5 को कलकत्ता पुलिस ने नोटिस भी भेजा था।
अब कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत पर कई बीजेपी विधायकों के खिलाफ एफआईआर पर कार्यवाही पर रोक लगाने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी हैं।
बीजेपी विधायक शंकर घोष और अन्य ने पार्टी के विधायकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने 7 दिसंबर को एफआईआर पर कार्यवाही पर 17 जनवरी तक अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था।
क्या नारेबाजी के दौरान राष्ट्रगान गाना उचित : न्यायाधीश
राज्य सरकार के वकील ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति मांगी। खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे, ने राज्य को उत्तरदाताओं को अपील की प्रतियां देने का निर्देश दिया और कहा कि वह 20 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी।
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा बीजेपी विधायकों पर राज्य सरकार विरोधी नारे लगाने और राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दोनों समूह अलग-अलग मुद्दों पर धरना दे रहे थे और 29 नवंबर को एक-दूसरे से ज्यादा दूर नहीं थे।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा था कि यह बहस का विषय है कि क्या किसी भी समूह द्वारा नारेबाजी के बीच राष्ट्रगान गाना अपेक्षित मर्यादा और संबंधित कानून के अनुरूप है।
Published on:
13 Dec 2023 02:42 pm
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