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नंदीग्राम से भी चुनावी मैदान में उतरेंगी ममता

- सभा मंच से जताई उम्मीदवारी, वहीं पर लगी मुहर - भवानीपुर से भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनेगी उम्मीदवार- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव

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नंदीग्राम से भी चुनावी मैदान में उतरेंगी ममता

नंदीग्राम से भी चुनावी मैदान में उतरेंगी ममता

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी ने सोमवार को एक दूसरे के गढ़ में शक्ति प्रदर्शन किया। नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने जनसभा में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से अगला विधानसभा चुनाव लडऩे की घोषणा करते हुए भाजपा और शुभेन्दु अधिकारीको खुली चुनौती दी। तो दक्षिण कोलकाता में शुभेन्दु अधिकारी ने ममता बनर्जी को नंदीग्राम में 50 हजार मतों से पराजित करने का दावा तक कर दिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेता सुब्रत बक्सी से कहा कि अगर वे उन्हें इजाजत देंगे तो वे अगला विधानसभा चुनाव नंदीग्राम से भी लडऩा चाहती हैं। सुब्रत बक्सी ने तुरन्त मंच पर खड़ा होकर ममता बनर्जी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और नंदीग्राम से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। ममता बनर्जी नंदीग्राम के साथ ही अपने गृह क्षेत्र दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेंगी।
नंदीग्राम में करीब 13 साल पहले प्रस्तावित केमिकल हब के लिए जमीन अधिग्रहण खिलाफ आंदोलन में ममता बनर्जी और शुभेन्दु अधिकारी ने मिलकर माकपा को परास्त किया था। दिसंबर 2020 में शुभेन्दु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद से दोनों आमने-सामने हैं।
नंदीग्राम शुभेन्दु अधिकारी का मजबूत किला माना जाता है और बनर्जी ने उसी क्षेत्र से चुनाव लडऩे की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वे निश्चित तौर से भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी। इसके साथ वे नंदीग्राम विधानसभा से भी चुनाव लडऩे के लिए निश्चिंत हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि वे दोनों जगहों से चुनाव जीतेंगी।
'मुझे किसी से ज्ञान लेने की जरूरत नहीं'
नंदीग्राम की जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें नंदीग्राम भूमि आंदोलन के दिन याद है। इस लिए उन्हें से किसी से भी ज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। नंदीग्राम आंदोलन किसने शुरू किया था इस बारे में वे सब कुछ जानती हैं।
रैली में नहीं बुलाए गए शिशिर अधिकारी
जनसभा में कांथी से तृणमूल कांग्रेस के सांसद और भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी सहित अधिकारी परिवार के किसी भी तृणमूल नेता को नहीं बुलाया गया था। इससे पहले रविवार को शिशिर ने कहा था कि जिस तरह से उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाया गया वैसे में उनका ममता की जनसभा में जाने का सवाल ही नहीं उठता है।