scriptPolitics of cattle smuggling: तृणमूल के नेताओं की जेब में गए है मवेशी तस्करी के पैसे- अधीर चौधरी | Money of cattle smuggling has gone into Trinamool leader's pockets | Patrika News

Politics of cattle smuggling: तृणमूल के नेताओं की जेब में गए है मवेशी तस्करी के पैसे- अधीर चौधरी

locationकोलकाताPublished: Sep 26, 2020 01:34:40 am

Submitted by:

Manoj Singh

पशु तस्करी करने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच के बीच कांग्रेस संसदीय दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के इस काले धंधे में लिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि पशु तस्करी के पैसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के मनीबैग में गए हैं।

Politics of cattle smuggling: तृणमूल के नेताओं की जेब में गए है मवेशी तस्करी के पैसे- अधीर चौधरी

Politics of cattle smuggling: तृणमूल के नेताओं की जेब में गए है मवेशी तस्करी के पैसे- अधीर चौधरी

कहा, तस्करों में सत्ता में रहने वाली पार्टी के लोगों का बड़ा सम्मान होता है
कोलकाता:
पशु तस्करी करने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच के बीच कांग्रेस संसदीय दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के इस काले धंधे में लिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि पशु तस्करी के पैसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के मनीबैग में गए हैं। इस दिन उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि मनीबैग में गायों को भर कर तस्करी नहीं हुई है, बल्कि गयों की तस्करी के पैसे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के मनीबैंग में गए हैं।
बांग्लादेश की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों से होकर बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी लंबे समय से चल रहा है। उत्तर 24 परगना, नादिया, मुर्शिदाबाद और मालदा सहित उत्तर बंगाल के कई सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोग पशु तस्करों के उत्पीडऩ से पीड़ित हैं। सीबीआई बुधवार सुबह से ही कोलकाता के राजारहाट, साल्ट लेक, तापसिया, मुर्शिदाबाद, बहरामपुर, लालगोला और सिलीगुड़ी सहित राज्य में 15 जगहों पर छापेमारी अभियान चला रही है।
अपने फेसबुक पोस्ट में अधीर चौधरी ने गुरुवार को लिखा कि बंगाल में मवेशियों की तस्करी पुलिस और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की मदद के बिना नहीं हो सकती। बीएसएफ ने सीमा पर लूटपाट किया है। लेकिन गायों को मनीबैग में भर कर नहीं लाया गया है, बल्कि गायों को ट्रकों में भर कर राष्ट्रीय राज मार्ग और राज्य के सडक़ों से लाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि पशु तस्करी के पैसे तृणमूल नेताओं के चुनाव प्रचार के खाते और पुलिस के जेब में गए हैं। पशु तस्करी से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को महीने में कितने पैसे मिलते थे वह रेट जैसे पुलिस जानती है वैसे ही राज्य की जनता को भी पता है। मुर्शिदाबाद में यह सभी के लिए खुला है। जो राज्य की सत्ता में रहते हैं तस्कर उन्हें बहुत महत्व देते हैं। कोलकाता पुलिस मुख्याल पर ममता दीदी की पार्टी का भविष्य निर्भर है। इसके लिए रूपए का अंबार तैयार करने में गायों की तस्करी की बहुत बड़ी भूमिका है।

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