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Jamat-ul-Mujahideen of Bangladesh : खागड़ाबढ़ विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने दी और दो को सात साल कैद की सजा

locationकोलकाताPublished: Sep 16, 2020 02:47:22 am

Submitted by:

Manoj Singh

पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिला स्थित खगड़ागढ़ में हुए चार साल पहले हुए जबरदश्त बम विस्फोट मामले में और दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सात साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार 31 लोगों में सजा पाने वालों की संख्या 30 हो गई।

Jamat-ul-Mujahideen of Bangladesh : खागड़ाबढ़ विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने दी और दो को सात साल कैद की सजा

Jamat-ul-Mujahideen of Bangladesh : खागड़ाबढ़ विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने दी और दो को सात साल कैद की सजा

अब तक इस मामले में सजा होने वाले बांग्लादेशी आतंकियों की संख्या 30 हो गई, अभी भी दो फरार है
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिला स्थित खगड़ागढ़ में हुए चार साल पहले हुए जबरदश्त बम विस्फोट मामले में और दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सात साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार 31 लोगों में सजा पाने वालों की संख्या 30 हो गई।
विशेष कोर्ट ने जिन लोगों को दोषी करार दिया है उनके नाम मुस्तफ़िज़ुर रहमान उर्फ साकिब व तुहिन और कादर काज़ी उर्फ कडोर है। मुस्तफ़िज़ुर रहमान को 26 दिसंबर 2018 को और कादर काज़ी 28 जनवरी, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने दोनों पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
रहमान को आईपीसी की धारा 120बी, 125, और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18, 18ए, 18बी, 19 और 20 के तहत दोषी ठहराया गया है। काज़ी को आईपीसी की धारा 120बी और 125 और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18 और 20 के तहत दोषी पाया गया।
उल्लेखनयी है कि दो अक्टूबर 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के व्यस्त खड़गगढ़ इलाके के एक घर में एक शक्तिशाली बम (आईईडी) विस्फोट हुआ, जहां बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) के आतंकी बांग्लादेश में विस्फोट करने के लिए बम बना रहे थे। तभी गलती से विस्फोट हो गया। जेएमबी के सदस्यों ने उस घर को बम बनाने की नापाक गतिविधियों के लिए किराए पर लिया था। बम विस्फोट में दो आरोपी घायल हो गए और एक आरोपी गंभीर रूप से घायल हुआ था।
शुरूआत में पश्चिम बंगाल पुलिस मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू की, लेकिन बाद में एनआईए को सौप दिया गया। एनआईए की ओर से गई जांच में जेएमबी की ओर से भारत में अपने सदस्यों को आतंकवादी कार्य करने और भारत और बांग्लादेश की लोकतांत्रिक रूप से स्थापित सरकारों के खिलाफ युद्ध करने के लिए युवाओं को नियुक्त करने के साथ उन्हें हथियारों और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने की साजिश का खुलासा हुआ।
इस मामले में कुल 33 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गय था, जिनमें से 31 को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 28 आरोपियों को पहले ही एनआईए कोर्ट ने विभिन्न शर्तों के लिए दोषी ठहराया और सजा सुनाई है। एनआईए ने कहा कि बाकी एक गिरफ्तार और दो फरार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा।

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