
West Bengal: तृणमूल विधायकों की इस तरह खबर लेंगे प्रशांत किशोर
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में महज एक साल शेष रह गए हैं। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में आने को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की जड़ें मजबूत बनाने में जुटी राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की टीम कई चरणों में अभियान चला रही है। ‘दीदी के बोलो’ कार्यक्रम की सफलता के बाद अब पार्टी विधायकों के बारे में जानकारियां इकट्ठा करने का काम शुरू हुआ है। माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में पीके की रिपोर्ट के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन होना है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि गत चुनाव में जीते विधायक के बारे में जनता के मन में क्या है? इसकी छानबीन की जा रही है। पीके की कम्पनी आई पैक के सदस्य विधायक जनता के प्रति कितने जवाबदेह हैं, निर्वाचन क्षेत्र इलाके में कितना समय देते हैं? जनता का काम करने के प्रति वह कितने ईमानदार हैं? विधायक को उनके काम पर 10 अंक में कितना नंबर दे सकते जैसे सवालों को लेकर आमलोगों के समक्ष जा रहे हैं। इस अभियान में पीके की टीम के सदस्य लोगों से या तो फोन पर या फिर सीधे जनता के बीच पहुंच रहे हैं। संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की जनता अपने विधायक से नाराज हैं या नहीं तथा उम्मीदवार के रूप में विकल्प नामों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
पीके का अभियान विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार हो रहा है। उल्लेखनीय है कि 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में फिलहाल तृणमूल कांग्रेस के 214 विधायक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस 129 विधानसभा सीटों पर पिछड़ी हुई है। इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस को बढ़त दिलाना टीम पीके के लिए चुनौती बनी हुई है।
Published on:
11 Dec 2019 08:39 pm
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