भाजपा नहीं दे रही ज्यादा तृूल, तृणमूल कांग्रेस की सधी हुई टिप्पणी
कोलकाता. बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह के विपक्ष के तेवर से फिर अटकलें शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस से बगावत कर भाजपा के टिकट से चुनाव जीते अर्जुन सिंह ने विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद पाला बदल लिया था। वे अभी तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं लेकिन कागज में भाजपा के सांसद हैं। उनके पुलिस प्रशासन पर दिए गए बयान को भाजपा ज्यादा तृूल नहीं दे रही है। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने उनके बयान पर सधी हुई टिप्पणी की है।
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पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर सवाल
सिंह ने इलाके के पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर सवाल उठाए। बैरकपुर 14 नंबर रेल गेट के पास सोने की दुकान में डकैती और हत्या के बाद उन्होंने कहा कि लाठी लेकर चल नहीं पाने वाले और 40-40 किलो की तोंद वाले पुलिसकर्मी अपराधियों को कैसे पकड़ेंगे। स्थानीय सांसद अर्जुन सिंह ने कहा है कि अपराधी फ्री जोन बना रहे हैं। हाथ पर हाथ धरा जा रहा है। इससे आखिरकार तृणमूल को ही नुकसान हो रहा है।
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अपने मतदाताओं से बात करूंगा
अर्जुन सिंह के एक करीबी के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने सांसद के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं। भले ही वे भाजपा छोड़कर तृणमूल में आ गए हों, लेकिन प्रशासन उनकी बात नहीं सुनता अगर वे भाजपा में होते तो बहुत कुछ कर सकते थे लेकिन अभी उनके हाथ पैर बंधे हुए हैं। वहीं सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि लोगों ने उन्हें चुनकर संसद में भेजा है। वे अपने मतदाताओं से बात करेंगे। उनकी बातों को सामने लाएंगे और उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है। सांसद ने कहा कि वे पार्टी के नेतृत्व से पुलिस-प्रशासन को लेकर चर्चा करेंगे। वे अपराधियों के एनकाउंटर की मांग नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग अपराधियों को जेल के पीछे भेजे जाने की है।
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प्रशासन पर टिप्पणी करना ठीक नहीं: घोष
तृणमूल के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्य में कुछ अप्रिय घटनाएं हुुईं हैं। उनका समर्थन नहीं किया जा सकता। पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते अर्जुन सिंह का विपक्ष के तेवर अपनाना व पुलिस प्रशासन पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। वहीं भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि अर्जुन जब भाजपा में आए थे तो उन्हें तृणमूल ने गद्दार की संज्ञा दी थी अब वे भाजपा से तृणमूल में जाकर गदाधर बन गए हैं। उनके बयानों का कोई राजनीतिक महत्व नहीं है।