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west bengal. kolkata -कई महीनों की जटिल समस्या का हुआ 24 घंटे में समाधान

भय के साये से मिली लोगों को मुक्ति- साल भर से खुला था ट्रांसफार्मर के मेन स्विच के बॉक्स का ढक्कन

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west bengal. kolkata -कई महीनों की जटिल समस्या का हुआ 24 घंटे में समाधान

west bengal. kolkata -कई महीनों की जटिल समस्या का हुआ 24 घंटे में समाधान

west bengal. kolkata
पत्रिका की खबर का असर हुगली जिले में एक बार फिर देखने को मिला है। एक साल की जटिल समस्या का समाधान खबर प्रकाशित होने के महज 24 घंटे के भीतर हो गया। लापरवाह बिजली विभाग सक्रिय हुआ और समस्या का समाधान किया। खुले बॉक्स की खबर राजस्थान पत्रिका में 24 जून को प्रकाशित की गई थी।

लोग भयभीत और चिंतित थे
हुगली जिले के श्रीरामपुर नगरपालिका के 29 नंबर वार्ड के विपरीत दिशा में कुसूम फैक्ट्री की बाउंड्री वाल से सटे पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी के हाई टेंशन लाइन के ट्रांसफार्मर के नीचे मेन स्विच लगा बॉक्स का ढक्कन पिछले साल भर से खुला था। स्थानीय लोग भयभीत और अपनी सुरक्षा को लेकर इसलिए चिंतित थे कि बारिश के मौसम में कहीं कोई बड़ी अनहोनी दुर्घटना न घट जाए।

खुले बॉक्स को किया बंद

खबर प्रकाशित होने के महज 24 घंटे के भीतर समस्या का समाधान हो गया। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने खुले बॉक्स को बंद कर दिया। इससे इलाके के लोगों ने रहत की सांस ली। पत्रिका को साधुवाद जताया। पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी के श्रीरामपुर डिवीजन के मैनेजर सौमेन सरकार ने पत्रिका में खबर छपने के बाद सक्रियता दिखाई और जल्द इस समस्या का समाधान किया।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

पत्रिका की खबर का असर होते ही इलाके में खुशी की लहर छा गई। स्थानीय निवासी काशी साव ने कहा कि पत्रिका में छपी खबर का असर ही है जो समस्या का समाधान हो गया। राजस्थान पत्रिका को जितनी भी सराहना की जाय वह कम है। वे लोग बिजली विभाग में गुहार लगाकर थक गए थे। उम्मीद भी खो दिए थे। पत्रिका ने उम्मीद की नयी ज्योत जलाई है।

प्रेम वर्मा ने कहा कि एक साल तक भय के साये में रहने के बाद समस्या का समाधान हुआ। पत्रिका की जितनी भी सराहना की जाय काम है। राजस्थान पत्रिका ने अपनी लेखनी से विजली विभाग के सोये अधिकारीयों को झंझकोर दिया। ऐसी निर्भीक पत्रकारिता कम देखने को मिलती है। पत्रिका को असंख्य धन्यवाद।

संदीप चितलांगीया ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारीयों का इस समस्या को लेकर ध्यान आकर्षित करना। समाज से जनमुद्दों से जुड़ी खबर को प्राथमिकता देकर एक साल की जटिल समस्या का समाधान करवाने के लिए पत्रिका को साधुवाद। कलम की ताकत को लोगों ने देख लिया है। अखबार ने लोगों को अनजाने खतरे से मुक्ति दिलाई है। नतीजन साल भर की समस्या का समाधान महज 24 घंटे में हो गया।

स्थानीय निवासी अजय साव ने कहा कि वे नाउम्मीद हो चुके थे । ऐसा लगता था की समस्या का समाधान अब नहीं होगा। लेकिन पत्रिका की पूरी टीम ने सराहनीय कार्य किया है। उनकी जितनी प्रशंसा की जाय वह कम है। निर्भीक सच्ची धारदार पत्रकारिता की मिशाल पेश की गई है। पत्रिका के इस कदम के लिए साधुवाद।