दो दिन बाद घटना
सफारी पार्क के सूत्रों के अनुसार, रिका और उसके तीन शावकों को जन्म देने के बाद एक रैन बसेरे (नाइट सेल्टर) में रखा गया था। लेकिन दो दिन बाद यह घटना घट गई। शावकों को प्रसव स्थल से दूसरे जगह ले जाते समय रिका के दांत शावकों के गर्दन के पास गलत जगह पड़ गए जिससे उनके गर्दन जख्मी हो गए। पहले दो शावकों की मौत मौके पर ही हो गई। पार्क अधिकारियों ने एक शावक को बचाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन अंत तक उसे बचाया नहीं जा सका।
दूसरी बार मां बनी
सफारी पार्क के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि रिका की लापरवाही के कारण तीनों शावकों की मौत हो गई है। राज्य चिडिय़ाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव सौरभ चौधरी ने कहा, रिका दूसरी बार मां बनी थी। रिका खुद भी थोड़ी शारीरिक समस्या से परेशान है। दूसरी शेरनी शीला (सिलीगुड़ी सफारी पार्क की एक और रॉयल बंगाल टाइगर) जितनी अनुभवी रिका नहीं है। रिका ने लापरवाही से तीनों शावकों की गर्दन काट ली। जिससे शावक मर गए। सौरव ने कहा कि अनुभवी मां प्रसव के तुरंत बाद नवजात शावकों को स्थानांतरित करने की कोशिश नहीं करती हैं। वे सुरक्षित स्थान चिन्हित कर ही प्रसव करती है। शिला के साथ ऐसा नहीं हुआ है। क्योंकि वह एक अनुभवी मां हैं। रिका अनुभवहीन है। इसलिए बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाते समय उससे गलती हो गई और अपने ही बच्चों की हत्या का दोष उस पर लग गया।
हथिनी लक्ष्मी की वृद्धावस्था के कारण मौत
मालूम हो कि कुछ दिन पहले सफारी पार्क में कुनकी हथिनी लक्ष्मी की वृद्धावस्था के कारण मौत हो गई थी। उसके बाद, तीन रॉयल बंगाल शावकों की मौत के बाद पार्क अधिकारी स्वाभाविक रूप से सवालों के घेरे में आ गए। हालाँकि, इस पार्क में माँ-बाघिन द्वारा शावकों की मौत कोई नई बात नहीं है। पार्क सूत्रों के मुताबिक, अगस्त 2023 में सफेद बाघ की लात से दो शावकों की मौत हो गई थी।