
टाइपिंग की गलती, रात दो बजे बुलाया सत्र
विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च सेे ही
गलती को सुधारेगी सरकार, नए सिरे से भेजेगी सिफारिश
अब दिन में बुलाया जाएगा सत्र
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने समय रहते अपनी गलती सुधारने की कवायद शुरू नहीं की होती तो प्रदेश में पहली बार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत आधी रात बाद दो बजे शुरू होकर नया इतिहास बन सकता था। वैसे तो संवैधाानिक व्यवस्था में राज्यपाल विधानसभा का सत्र कहीं भी और किसी भी समय बुला सकते हैं। लेकिन परिपाटी यही है कि राज्यपाल को सरकार की सिफारिश पर सत्र आहूत करना होता है।
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कैबिनेट की बैठक 28 को
जानकारी के अनुसार टाइपिंग की एक मामूली चूक के आधार पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पहले कैबिनेट की सिफारिश को मानते हुए सात मार्च को आधी रात बाद 2 बजे सत्र आहूत किया। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट सत्र का समय बदलने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई है। राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक 28 फरवरी को होगी, जिसमें बजट सत्र के प्रारंभ होने के समय में सुधार कर सात मार्च रात दो बजे की जगह सात मार्च दोपहर दो बजे किया जाएगा। इसके बाद सत्र बुलाने की अभिशंसा नए सिरे से राजभवन भेजी जाएगी।
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रात के समय को लेकर सियासी हल्कों में चर्चा
इससे पहले राज्यपाल द्वारा लीक से हटकर बुलाए गए सत्र की सियासी हल्कों में खासी चर्चा रही। खुद राजभवन की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत राज्यपाल ने राज्य विधानसभा का सत्र सात मार्च को रात दो बजे आहूत किया है। धनखड़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी सत्र आहूत करने वाले नोटिस को साझा किया। साथ ही ट्वीट किया कि रात दो बजे विधानसभा का सत्र बुलाना असामान्य है। यह एक तरह का इतिहास बन सकता है। लेकिन यह तो कैबिनेट का निर्णय है।
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मुख्य सचिव को बुलाया पर नहीं आए
राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि मध्यरात्रि के बाद सत्र का समय कुछ अजीब लग रहा था। इसलिए उन्होंने गुरुवार दोपहर राज्य के मुख्य सचिव को तत्काल परामर्श के लिए बुलाकर समय को ठीक करने का प्रयास किया। लेकिन मुख्य सचिव नहीं आए। इसलिए कैबिनेट के फैसले को स्वीकार करते हुए सत्र की तारीख और समय तय कर दिया गया।
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टाइपिंग में गलती
पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने रात दो बजे विधानसभा का सत्र बुलाए जाने पर कहा कि निश्चित तौर पर यह टाइपिंग में गलती का परिणाम लगता है। इसे टाला जा सकता था। विधानसभा अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य सरकार ने जब भी सूचना भेजी थी, तो उसमें दोपहर दो बजे का उल्लेख किया था। अब यह कैबिनेट के ऊपर है कि वे क्या फैसले लेते हैं।
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पहले वापस भेज चुके थे प्रस्ताव
धनखड़ ने इससे पहले सात मार्च से विधानसभा का सत्र बुलाने संबंधी सिफारिश को वापस भेज दिया था। राज्यपाल ने संवैधानिक नियमों का पालन नहीं किए जाने का हवाला देते हुए सिफारिश को वापस भेजा था।
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Published on:
25 Feb 2022 12:18 pm
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