
WEST BENGAL ANUVRAT AMRIT MAHOTSAV 2024-अणुव्रत जीवन का आधार: मुनि जिनेश
अणुव्रत जीवन का आधार और दर्शन है तथा जीवन की ऊंचाईयों तक पहुंचाने का माध्यम है। अणुव्रत एक आचार संहिता ही नहीं सम्पूर्ण जीवन शैली है। यह एक अहिंसक और संयम प्रधान जीवन शैली है जो उपभोक्तावादी जीवन शैली का बेहतरीन विकल्प है। मुनि जिनेश कुमार ने यह बात कही। मुनि के सान्निध्य में अणुव्रत अमृत महोत्सव सम्पूर्ति समारोह का आयोजन साउथ सिटी इन्टरनेशनल स्कूल आडिटोरियम टांलीगंज में अणुव्रत समिति कोलकाता, अणुव्रत समिति हावड़ा व टॉलीगंज श्रीजैन श्वेताम्बर तेरापंथी तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि उद्यमी वि_लदास मूंदड़ा, नेवटिया यूनिवर्सिटी के डीन सुशीलकुमार कोठारी, संस्कृत यूनिवर्सिटी एवं नवदीप यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजकुमार कोठरी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की एसिस्टेन्ड डायरेक्टर महक जैन, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एसिस्टेन्ड डायरेक्टर धनंजय सोम आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर वृहत्तर कोलकाता के श्रद्धालु भी थे। समारोह का विषय समस्थाएं अनेक समाधान एक अणुव्रत जीवन शैली था। इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश ने कहा कि अणुव्रत जीवन शैली व्यक्ति की नैतिक चेतना का जागरण कर स्व कल्याण का आधार तैयार करती है। यह समाज और विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। अणुव्रत सत्य के शोध और अभिव्यक्ति का सर्वमान्य मंच है। यह एक असाम्प्रदायिक आंदोलन है।
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आचार्य तुलसी ने किया अणुव्रत के माध्यम से जागृति का शंखनाद
राष्ट्रसंत आचार्य तुलसी इस आंदोलन के प्रणेता थे। उन्होंने अणुव्रत के माध्यम से जागृति का शंखनाद किया। अणुव्रत आंदोलन के जरिये उन्होंने लाखों व्यक्तियों को नशामुक्ति का संकल्प कराया। उन्होंने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया। बाल मुनि कुणाल कुमार ने सुमधुर गीत का संगान किया। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति कोलकाता के मंत्री नवीन दुगड़ ने दिया। टालीगंज श्रीजैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अशोक पारख, साउथ सिटी से राजीव दुगड़ ने विचार व्यक्त किये। शुभारंभ अणुव्रत गीत के संगान से हुआ। संचालन मुनि परमानंद व अणुव्रत समिति हावड़ा के अध्यक्ष दीपक नखत ने आभार ज्ञापित किया।
Published on:
11 Mar 2024 06:01 pm
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