
कोलकाता. महानगर के ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल की सुरक्षा अब केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) संभालेगी। लम्बे समय से विक्टोरिया की सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश चल रही थी। 15 जनवरी से 24 घंटे विक्टोरिया मेमोरियल की सुरक्षा सीआईएसएफ के 113 जवान संभालेंगे। सूत्रों के अनुसार राज्य के कुछ म्यूजियम में चोरी की घटनाओं के बाद विक्टोरिया की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया गया था। गणतन्त्र दिवस के पहले ही विक्टोरिया मेमोरियल की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी जा रही है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार 113 जवान दिन-रात विक्टोरिया की निगरानी करेंगे। विक्टोरिया के बाहरी क्षेत्र में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। सूत्रों का कहना है कि विक्टोरिया ऐतिहासिक धरोहर है। इसमें इतिहास से जुड़ी कई सामग्री रखी हुई है। इसकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होनी चाहिए। इंडियन म्यूजियम और शांतिनिकेतन से कवि गुरु रवीन्द्र नाथ टैगोर के नोबेल पदक चोरी होने के बाद इस ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने पर विचार किया गया था।
ऐतिहासिक चीजों की अब तक हुई चोरी
- विश्वभारती की नेशनल आर्ट गैलरी से कोष चोरी
- एशियाटिक सोसाइटी से दुलर्भ सोने के सिक्कों की चोरी
- शान्तिनिकेतन स्थित विश्वभारती से कवि गुरु रवीन्द्र नाथ टैगोर की नोबेल पदक चोरी
- इंडियन म्यूजियम से 5 वीं सदी की गौतम बुद्ध प्रतिमा की चोरी
विक्टोरिया मेमोरियल
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता में स्थित एक स्मारक है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। मुगल शैली के गुंबदों में सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियां दिखाई पड़ती हैं। मेमोरियल में एक शानदार संग्रहालय है, जहां रानी के पियानो और स्टडी-डेस्क सहित 3000 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह रोजाना प्रात: दस बजे से सायं साढ़े चार बजे तक खुलता है, सोमवार को यह बंद रहता है।
विक्टोरिया मेमोरियल की स्थापना लॉर्ड कर्ज़न की पहल पर इंडो-ब्रिटिश इतिहास पर विशेष जोर देने के साथ महारानी विक्टोरिया की याद में काल विशेष संग्रहालय के रूप में की गई थी।
विक्टोरिया मेमोरियल को सन 1929 में आम जन के लिए खोला गया था और 1935 के भारत सरकार के अधिनियम द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया।
विक्टोरिया मेमोरियल की नौ दीर्घाओं में प्रदर्शित 28394 कलाकृतियाँ हैं, जो देश की संस्कृति को दर्शाता है।
इसकी दीवारों पर बेहतरीन नक़्क़ाशी की गई है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। मुग़ल शैली के गुंबदों में सौरसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियाँ दिखाई पड़ती हैं।
Published on:
07 Jan 2018 06:25 pm
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