मिली जानकारी के मुताबिक हर साल की तरह ही इस साल भी बस्तर दशहरे का निमंत्रण मिलने के बाद दिनेश व उसके अन्य साथी अपने देवी-देवताओं के साथ जगदलपुर पहुंचे हुए थे। जहां कुटूम्ंब जात्रा की रस्म के बाद देवी-देवताओं अलग-अलग जगहों से पहुंचे देवी-देवताओं की विदाई की गई। ज्ञात हो कि विदाई के समय देवी-देवताओं को बकरे की बलि भी दी जाती है। जो परंपरानुसार दी गई। इस परंपरा को निभाने के बाद विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे में पहुंचे सभी की विदाई ससम्मान की गई। जिसके बाद दिनेश मर्दापाल वापस लौट रहा था। जिला मुख्यालय कोण्डागांव तक तो वे सकुशल पहुंच गया।
इसके बाद जब यहां से वे लौटते हुये एक जात्रा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने लगा था। इसी बीच बुधवार की शाम गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश होने लगी। बारिश के चलते युवक पेड़ के आड़ में छिपा हुआ था। जिसके बाद बारिश से बचने के लिए दिनेश व उसका एक अन्य साथी रामदास एक पेड़ की छांव में जाकर रूके हुए थे।
तभी आकाशीय बिजली गिरी और इससे आगोस में आकर दिनेश की मौत हो गई। वहीं अन्य एक साथी रामदास मूर्छित हो गया। घटना के बाद उनके अन्य साथियों ने भी घायल साथी की मदद के लिए आगे आए और जैसे – तैसे कर मृतक व मूर्छित हुये रामदास को मर्दापाल हास्पिटल तक लेकर पहुंचे। जहां से घायल को बेहतर इलाज के लिए जिला हास्पिटल में रेफर कर दिया गया। सूचना पाकर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया हैं।