scriptWeather : मानसून के दस्तक के साथ ही खेती-किसानी में जुटे किसान, Photo देख हो जाएगा दिल खुश | Farmers engaged in farming with knock of monsoon in chhattisgarh | Patrika News

Weather : मानसून के दस्तक के साथ ही खेती-किसानी में जुटे किसान, Photo देख हो जाएगा दिल खुश

locationकोंडागांवPublished: Jul 02, 2019 07:33:59 pm

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CG Desk

* शुक्रवार को मानसून (Monsoon) दक्षिण छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुका था। यही वजह है कि शुक्रवार की रात से अभी तक रूक-रूककर बारिश (Rain) हो रही है । राजधानी में भी सुबह से ही बादल जमकर बरसे। बारिश होने से मौसम (Weather) में ठंडकता घुल गई है। लोगों को गर्मी से राहत मिली है। किसान (Farmers) वर्ग अपने कार्य में गंभीरता से जुट चुके है।

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Weather : मानसून के दस्तक के साथ ही खेती-किसानी में जुटे किसान, Photo देख हो जाएगा दिल खुश

कोंडागाँव। सुबह से हो रहे लगातार बारिश (Rain) ने किसानों के मुख में मुस्कान लाया है। मानसून का बेसब्री से किसान इंतजार कर रहे थे। अब इलाके में अच्छी बारिश होने के बाद किसान (farmers) अब खेती- किसानी में जुट गए हैं। मंगलवार की दोपहर कोंडागाँव के जोनधरापदर इलाके में रिमझिम बारिश के बीच किसान व मजदूर रोपा लगाने में जुटे रहे।
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जून के अंतिम में यह मानसून (Monsoon) आते-आते रह गया था । मौसम (Weather) विभाग के अनुसार मानसून महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सोलहापुर, अदिलाबाद, ब्रम्हपुरी से होते हुए छत्तीसगढ़ में पहुंची। छग में मानसून (Monsoon) बस्तर के रस्ते अब पुरे प्रदेश में आ चूका है।
यही वजह है कि रविवार की शाम के बाद मौसम (Weather) एकाएक बदलाव था। रूक- रूककर बारिश (Rain) हो रही थी। हालांकि इस बारिश (Rain) से गर्मी से काफी राहत मिली है। चार दिन पहले तक दिन मेें पारा 42 डिग्री के आसपास था जो कि अब 35 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। तापमान (Temperature) में गिरावट से मौसम (Weather) ठंडा हुआ है। लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
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इस बार मानसून आने में हो रही देरी
इस बार मानसून (Monsoon) आने में देरी हो रही है। पिछली बार 20 जून तक मानसून (Monsoon) पहुंच चुका था, लेकिन इस बार विलंब हो रहा है। विभाग को उम्मीद थी कि 22 को महाराष्ट्र से आने वाला मानसून पूरे छत्तीसगढ़ को कवर कर लेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कुछ जिलों से ही होकर मानसून गुजर गया। मानसून (Monsoon) के देरी से आने की खबर से किसान चिंतित हो गए थे । हालांकि किसानों ने कृषि कार्य प्री-मानसून (Monsoon) के दौरान हुई बारिश (Rain) के बाद से प्रारंभ कर दिया है। इन्हें इस बात की चिंता सताने लगी है कि यदि समय पर मानसून (Monsoon) नहीं आता है तो कृषि कार्य पिछड़ जाते ।

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