24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जरूरतमंद को मिलने से पहले ही बीमार हो गयी दवाएं, जानिये क्या है पूरा मामला

इससे पहले भी कई दफे इस तरह दवाईयों व खाद को जंगल आदि में फेंकने या गोडाउन में बंद कर रखने का मामला सामने आ चुका है। वही विभागीय अधिकारियों की माने तो जो भी वितरण के लिए आता है वह उस इलाके के आरईओं की मांग के आधार पर होता है।

less than 1 minute read
Google source verification
medicine.jpg

कोण्डागांव/बड़ेकनेरा. शासन-प्रशासन एक तरफ किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर जिस विभाग को इसकी जिम्मेदारी है उस विभाग की अनदेखी के चलते किसानों को वितरण के लिए आए जैविक दवाओं का वितरण नहीं हो पाया। यह दवाई अब एक्सपायर हो गई।

जानकारी के मुताबिक इन एक्सपायरी दवाईयों को कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को वितरण करने के लिए बड़ेबेंद्री के पूर्व सरपंच के घर पर डंप करवा दिया है। इन दवाईयों के कार्टूनों में दीपक तक लग चुके है, विभाग की यह अनदेखी कोई पहली दफे की गई हो, ऐसा भी नहीं है।

इससे पहले भी कई दफे इस तरह दवाईयों व खाद को जंगल आदि में फेंकने या गोडाउन में बंद कर रखने का मामला सामने आ चुका है। वही विभागीय अधिकारियों की माने तो जो भी वितरण के लिए आता है वह उस इलाके के आरईओं की मांग के आधार पर होता है। जिसकी पूरी रकम शासन के खाते में पहले ही आरईओ से जमा करवा ली जाती है।

इसके बाद उसे विरतण करने की जिम्मेदारी संबंधित आरईओ की होती हैं। विभागीय अधिकारी बड़ेबेंद्री की घटना को भी इसी तरह से पेश करते हुए अपने कर्मचारी को बचाने का प्रयास करते रहे, लेकिन समय पर किसानों को इन सबसिडी वाली दवाईयों का वितरण हो जाता तो किसानों को कही अधिक लाभ होता।

मुझे इसके बारे में पूरी जानकारी तो नहीं है, लेकिन वितरण करने की जिम्मेदारी आरईओं की होती है। क्योंकि उनकी मांग के आधार पर ही इसे मंगवाया जाता है।
-उग्रेश देवागंन, एसडीओ कृषि

ये भी पढ़ें: घर के मंदिर में दीया जलाकर बैंक गई,वापस लौट तो सब कुछ हो गया था ख़ाक