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लॉकडाउन के दौरान आप भी करना चाहते हैं शादी, तो ये खबर आपके लिए है, अधिकारी तय करेंगे बारात में कौन होगा शामिल

विवाह करने के लिए सरकारी अनुमति लेना हो गया है अनिवार्य

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Lockdown on marriages! Govt guidelines big tension for families of bride and groom

Lockdown on marriages! Govt guidelines big tension for families of bride and groom

कोण्डागांव . कोरोना वायरस के संक्रमण का असर विवाह समारोह में भी पड़ता दिख रहा है। यहां तक कि अब तो नियम-कायदों के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी तय कर रहे है कि बारात में दुल्हे के साथ कौन जाएगा और कौन नहीं। दरअसल यह सब कोरोना संक्रमण के चलते शासन-प्रशासन ने नियम कायदों के साथ ही विवाह समारोह को आयेाजित करने की अनुमति दे रहा है। हालांकि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए तत्कालीन कले.टर की मौजूदगी में हुए जिले सामाजिक पदाधिकारियों की बैठक के दौरान जिले में अप्रैल माह किसी भी समाज द्वारा विवाह समारोह आयोजित नहीं किए जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन में ढील मिली इसके बाद सामाजिक कार्यक्रमों के लिए शासन-प्रशासन ने भी नियम कायदों के साथ इसकी अनुमति देनी शुरू कर दी। पहले विवाह समारोह के लिए कलेक्टर कार्यालय से ही अनुमति दी जा रही थी, लेकिन इसमें हो रही दिक्कतों को देखते हुए इलाके के तहसीलदारों अनुमति देने का पावर दे दिया गया। जानकारी के मुताबिक जिले में लॉकडाउन के बाद से आज तक की स्थिति में 200 से ज्यादा परिवारों को विवाह समारोह के लिए सर्शत अनुमति दी जा चुकी है।

लगभग सभी आवेदनों को मिल रही अनुमति
जानकारी के मुताबिक जीतने आवेदन आ रहे है, उनमें से लगभग सभी आवेदनों की जांच के बाद अनुमति दिया जा रहा है। तहसीलदार को अनुमति की पावर मिलने के बाद अब तक तहसील कोण्डागांव में 60 से ज्यादा, फरसगांव में 50 से ज्यादा, केशकाल में 20, माकड़ी में 08 आवेदनकर्ता परिवारों को अनुमति दी जा चुकी है। तहसीलदार फरसगांव सुंदरलाल ने बताया कि लगभग रोजाना 5 से 6 आवेदन मिल रहे है। वहीं तहसीलदार केशकाल राकेश साहू ने बताया कि नियम-कायदों के अनुसार विवाह की अनुमति दी जा रही है। तहसीलदार माकड़ी विजय मिश्रा ने बताया कि गाइड लाइन के आधार पर विवाह की अनुमति दी जा रही है, लेकिन बाराती आदि के लिए वाहनों की अनुमति जिला कार्यालय से ही लेनी होगी। वहीं कोण्डागांव तहसीलदार यूके मानकर ने बताया कि हम लोग पहले विवाह योग्य युवक-युवती की जन्म प्रमाणपत्र की जांच कर रहे है, इसके बाद ही गाइडलाइन के आधार पर नियम कायादों के साथ अनुमति पत्रक जारी किया जा रहा है। इसमें विवाह समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संया के साथ ही बाराती में आने वालों के रिश्तेदारों के नाम आदि भी अंकित किया जा रहा है।

रीति-रिवाजों पर सरकारी कायदा पड़ रहा है भारी
कोरोना संक्रमणकाल के दौरान होने वाले विवाह समारोह में अब रीति-रिवाज के साथ ही सरकारी नियम-कायदों को भी ध्यान रखना पड़ रहा है। जिसमें सबसे अहम सोशल डिस्टेंसिंग है, वहीं कलार समाज के संरक्षण नीलकंठ शार्दूल ने बताया कि सामाजिक रीतिरिवाज के साथ विवाह तो आयोजित करना ही है, लेकिन अब सरकारी नियम कायदों को भी इसमें जोडऩा पड़ रहा है।