
10 लाख के पुल के बिम में लोहे के छड़ का एक टुकड़ा तक नहीं
शुक्रवार को दावा आपत्ति का अंतिम दिन था। प्रशासन के आम इश्तेहार की सूचना मिलते ही लोग बड़ी संख्या में आपत्ति दर्ज कराने के लिए तहसील कार्यालय भैसमा पहुंच गए। जिन संगठनों ने भुलसीडीह में नया ट्रांसपोर्टनगर को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है, उसमें छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इण्डस्ट्रीज, ट्रक मालिक संघ, जिला उद्योग संघ, कोरबा परिवहन एसोसिएश, कोरबा जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन, शहर के महापौर, सभापति, जिला कांग्रेस कमेटी सहित कई संगठन शामिल हैं।
प्रशासन को बताया गया है कि भुलसीडीह नगर निगम क्षेत्र से बाहर है, जो ग्राम पंचायत का हिस्सा है। बरबसपुर- बालकोनगर रिंगरोड से दूर है। यहां आने जाने के लिए रास्ते नहीं है। ट्रांसपोर्टस को भुलसीडीह आने जाने में परेशानी होगी। आपत्ति दर्ज कराने वालों ने प्रशासन से बरबसपुर में ही नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की मांग की है। यह भी बताया कि भुलसीडीह कोरबा मेडिकल कॉलेज और आईटी कॉलेज के पास है। आने वाले दिनों में यहां कई सारे विकास प्रस्तावित है। इसका असर कॉलेज पर पड़ेगा।
बरबसपुर को बताया सही स्थल
आपत्ति दर्ज कराने वालों ने भुलसीडीह में नया ट्रांसपोर्टनगर का विरोध दिया। कहा है कि बरबसपुर रिंग रोड पर स्थित है। यहां से थोड़ी दूर कोरबा- चांपा मार्ग हैै। बरबसपुर तक गाड़ियों को आने जाने में सुविधा होगी। यह भी कहा कि पूर्व में ट्रांसपोर्टनगर के लिए बरबसपुर में भूमि पूजन किया गया था। इसमें विधानसभा अध्यक्ष, राजस्व मंत्री, कटघोरा और पाली तानाखार के विधायक और कोरबा के तत्कालीन महौपर उपस्थित थे। इसे अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाना कायदे कानून की अनदेखी है। बरबसपुर में टीपी नगर बनाने की मांग की है।
सांसद ने एक दिन पहले लिखा था पत्र
इस मसले को लेकर 29 दिसंबर को सांसद ज्योत्सना महंत ने कलेक्टर को पत्र लिखकर बरबसपुर में ही नया ट्रांसपोर्टनगर बनाने के लिए कहा था। इसके अगले ही दिन भुलसीडीह में ट्रांसपोर्टनगर को लेकर दावा आपत्ति मंगाने की बात सामने आई है।
एसडीएम और तहसीलदार ने नहीं की बात
इस मसले को लेकर शुक्रवार को प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कोरबा की एसडीएम सीमा पात्रे और भैसमा की तहसीलदा से सम्पर्क किया गया। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इधर, कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने भुलसीडीह में नया ट्रांसपोर्टनगर प्रस्तावित किए गए जाने पर कई सवाल उठाया है। कहा है कि 28 दिसंबर को आम इश्तेहार का प्रकाशन एक सांध्य दैनिक में कराया गया। दो दिन में दावा आपत्ति मंगाई गई। जबकि दावा आपत्ति के लिए न्यूनतम 15 दिन का समय निर्धारित किया जाता है। उन्होंने प्रक्रिया पर सवाल उठाया है।
Published on:
31 Dec 2022 01:00 pm
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