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एक मजदूर की जान की कीमत सिर्फ 25 हजार रुपए, कोयला खदान में इस हालत में कर रहे काम, डराने वाली रिपोर्ट

Korba News In Hindi : कोयला खदान में काम करने वाले 65 फीसदी मजदूर सामाजिक सुरक्षा से गायब हैं।

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एक मजदूर की जान की कीमत सिर्फ  25 हजार रुपए, कोयला खदान में इस हालत में कर रहे काम, डराने वाली रिपोर्ट

एक मजदूर की जान की कीमत सिर्फ 25 हजार रुपए, कोयला खदान में इस हालत में कर रहे काम, डराने वाली रिपोर्ट

राजेश कुमार@कोरबा. कोयला खदान में काम करने वाले 65 फीसदी मजदूर सामाजिक सुरक्षा से गायब हैं। उन्हें न तो इलाज मिल रहा है, न ही दवाइयां। भविष्य निधि और पेंशन फंड में जमा होने वाली राशि तक की जानकारी नहीं है। इसका खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है।

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केन्द्र सरकार की संस्था ने कोल इंडिया और इसकी सहयोगी कंपनियों में काम करने वाले आउटसोर्सिंग के संविदा मजदूरों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की है। जिसमें पाया गया कि 65 फीसदी संविदा मजदूरों को कोल इंडिया की सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है जबकि खदानों में मजदूरों की संख्या 19 से 97 फीसदी के बीच है।

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खदान में भारी वाहनों की चपेट में आकर मारे गए संविदा मजदूरों 25 हजार रुपए से अधिक की राशि नहीं मिल रही है। इसके लिए भी परिजनों को धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की गेवरा दीपका और कुसमुंडा खदान में दर्जनभर से अधिक ठेका मजदूरों की मौत हुई है। शेष @ पेज 11

एक मजदूर

लेकिन सिर्फ एक मजदूर को 15 लाख रुपए मिला है। जबकि अन्य को 25 हजार रुपए।

15 लाख रुपए का प्रवधान

खदान क्षेत्र में दुर्घटना होने पर मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए आर्थिक सहायता राशि मिलने का प्रवधान है। यह राशि कंपनी संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी के बिल से काटकर देती है। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की सुविधाएं मिलती है।

15 लाख रुपए का प्रवधान: खदान क्षेत्र में दुर्घटना होने पर मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए आर्थिक सहायता राशि मिलने का प्रवधान है। यह राशि कंपनी संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी के बिल से काटकर देती है। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की सुविधाएं मिलती है।