
एफडीआई सहित कई मुद्दों पर भारत बंद का ऊर्जाधानी में मिला-जुला असर, दवा दुकानों पर सबसे अधिक असर
कोरबा. कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया टे्रडर्स (कैट) के एफडीआई सहित कई मुद्दों को लेकर २८ सितंबर को भारत बंद की घोषणा की है। ऊर्जाधानी में भारत बंद का अधिक असर नहीं दिखायी दे रहा है लेकिन विभिन्न व्यापारी संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है। जिला चेम्बर ऑफ कामर्स के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार के आनलाईन दवाई बिक्री के प्रस्ताव का सख्त विरोध कर रहे हैं।
चेम्बर के जिला अध्यक्ष राम सिंह अग्रवाल ने बताया कि बहुराष्ट्रीय विदेशी कंपनिया हमारे पारंपरिक व्यापार को समाप्त कर रही है। ग्राहक को आटा, दाल, चावल, जूता, बर्तन, कपड़ा सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने का अनुमति मांग रही है। इससे कस्बों, शहरों में छोटा व मध्यम वर्ग का व्यापारी पूरी तरह से प्रभावित होगा और कारोबार ठप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि वर्तमान में व्यापारियों के पास ५० प्रतिशत व्यापार बचा है।
आज हालत यह हो गयी है कि विदेशी कंपनियां थोक विक्रेता, चिल्लर विक्रेताओं का व्यापार खत्म करने पर तुली हुई हैं और केन्द्र सरकार उन्हें सरंक्षण दे रही है। ऐसे में बहुराष्ट्रीय कंपनियों भारत की अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर गुलाम बनाने का साजिश रच रही है। कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के नियमों के आधार पर अनुमति देने की मांग की है।
भारत बंद को कोरबा डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन ने समर्थन दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश सिरोठिया व सचिव दिव्यानंद अग्रवाल ने बताया कि आन-लाईन दवा बिक्री के लिए आदेश के विरोध में २८ सितंबर को एक दिवसीय देश व्यापी केमिस्ट बंद का आह्वान किया है।
सिरोठिया ने बताया कि भारत सरकार ने विगत माह २८ अगस्त को जारी आदेश में ऑन-लाईन दवा बिक्री को नियमित करने का प्रस्ताव किया है। एसोसिएशन ने प्रस्ताव का विरोध जताया है। इसलिए २८ सितंबर को एक दिवसीय दवाई दुकान बंद, चरणबद्ध बंद, धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इंटरनेट फार्मेसी को मान्यता देने वाले कानून का विरोध जताएंगे। एसोसिएशन ने बताया कि इससे न केवल दवा व्यवसाय को व्यापार का नुकसान होगा। इसके अलावा पीडि़त मानवता के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक होगा।
Published on:
28 Sept 2018 11:47 am
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