
बसें सामान्य, किराया वसूल रहे डीलक्स और सुपर लग्जरी का, यात्रियों से आए दिन विवाद
कोरबा। CG News : कोरबा जिले में करीब सौ से अधिक बसें अलग-अलग स्टैंड से हर दिन निकलती है। हजारों लोग प्रतिदिन इन बसों में सफर कर रहे हैं। परिवहन विभाग द्वारा बसों के फेयर(किराया) दर देखने के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरु की है। इसके तहत आप किसी भी बस के उसके स्तर और दूरी के हिसाब से किराये की दर निकाल सकते हैं। अधिक किराया वसूलने के लिए बसों के बाहर अलग-अलग स्टीकर लगा दिया जाता है, लेकिन बसों के भीतर सुविधा निम्न दर्जे की होती है।
बसें सामान्य श्रेणी के होने के बावजूद किराया सुपर लक्जरी बसों का वसूला जा रहा है। बसों में यात्री टिकट बसोें का होना चाहिए, लेकिन अधिक किराया वसूलने के लिए बस मालिक एजेंटों के माध्यम से टिकट कटवा रहे हैं। इसमें सम्बंधित बस का जिक्र नहीं होता। सिर्फ कहां से कहां तक जाना है इसे अंकित कर मनमाना किराया वसूला जाता है। परमिट लेने के लिए बसों को लक्जरी दिखा दिया जाता है।
100 किमी पर बसों का किराया इस तरह निर्धारितबस किराया
- सामान्य बसें 126
- सामान्य रात्रिकालिन बसें 139
- डीलक्स 162
- डीलक्स रात्रिकालीन बसें 174
- डीलक्स सेमीस्लीपर 162
- डीलक्स स्लीपर कोच 192
- डीलक्स सेमी स्लीपर एसी 234
- डीलक्स स्लीपर एसी कोच 274
- सुपर लक्जरी एसी 270
- सुपर लक्जरी एसी सेमी स्लीपर 306
- सुपर लक्जरी एसी स्लीपर कोच 336
यात्रियों से अधिक किराया वसूलने के लिए मालिक अपनी बसों को डीलक्स, सुपर डिलक्स, डिलक्स सुपर कोच, सुपर लक्जरी एसी स्लीपर का स्टीकर लगाकर चल रहे हैं। बस में सुविधा निम्न दर्जे की है और किराया उच्च दर पर वसूला जा रहा है।
बसों की किराया सूची किसी भी बस में नहीं
परिवहन विभाग के नियम के मुताबिक हर बस में रूट , स्टॉपेज व दूरी के हिसाब से किराये की सूची चस्पा होना जरुरी होता है, ताकि यात्रियों से विवाद की स्थिति कभी निर्मित न हो, लेकिन जिले में संचालित हो रही यात्री बसों में कहीं भी यह चस्पा नहीं होती है।
पंजीयन सामान्य बसों का, किराया अधिक कैसे
कुछ बस ऐसे भी हैं जिनका पंजीयन व परमिट सामान्य बसों का है, लेकिन किराया लक्जरी बसों का वसूला जा रहा है। कई बसें लोकल रूट पर तो कुछ इंटरस्टेट बसें भी इस तरह से चल रही है। परमिट देने के बाद बसों का औचक निरीक्षण तक नहीं किया जाता है कि बसों की स्थिति कैसी है।
ये है बसों के हाल
●बसों की सीट आरामदायक नहीं, कई जगह से फटी हुई हैं।
●कांच टूटे हुए हैं, अंदर हवा घुसने से यात्री परेशान होते हैं।
●स्लीपर कोच में आरामदायक सोने या बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं होती है।
● बसों में मेडिकल किट की सुविधा भी नहीं होती है।
●बीच रास्ते में ब्रेक डाउन की शिकायतें अक्सर यात्री करते हैं।
Published on:
27 Oct 2023 03:17 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
