
Korba News: प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने विभिन्न योजनाएं चला रही है। करोड़ों रुपए व्यवस्था पर खर्च की जाती है लेकिन जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। अधिकांश स्कूलों में शिक्षक व भवन की कमी बनी हुई है।
ऐसा ही एक मामला पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत सामने आया है। यहां संचालित प्राथमिक शाला सलिहाभाठा में शिक्षक व भवन की कमी है। (Education System in India) प्राथमिक शाला सलिहाभाठा में एक कमरे में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक के कक्षाओं को बैठाकर अध्ययन कराया जाता है। (Governmnet Students) यहां बच्चों की दर्ज संख्या लगभग 43 है और एक शिक्षक पदस्थ है। पदस्थ शिक्षक भी व्यवस्था के तहत दूसरे स्कूल के शिक्षक को यहां अटैच किया गया है।
जब शिक्षक द्वारा किसी एक कक्षा के बच्चों को अध्ययन कराया जात है तो शेष कक्षा के बच्चे खाली बैठे रहते हैं। बातचीत करने से बच्चों का ध्यान भंग होता है। कुल मिलाकर अध्ययन-अध्यापन कार्य प्राथमिक शाला सलिहाभाठा का प्रभावित हो रहा है। (Education System) यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत लगभग 30 से 35 प्राथमिक शाला ऐसे हैं जहां पहली से पांचवी तक के विद्यार्थी एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं,। इससे शिक्षकों को भी पढ़ाने में परेशनी होती है।
बैठक व्यवस्था में भी समानता नहीं
प्राथमिक शाला सलिहाभाठा में कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चे एक ही कमरे में बैठकर अध्ययन करते हैं। यहां बैठक व्यवस्था में भी समानता नहीं है। (Education in India) कुछ बच्चों को बेंच व टेबल उपलब्ध कराया गया है तो कुछ को फर्श पर बिठाया जाता है। ऐसे में बच्चों के मन में उपेक्षित करने की भावना जागृत होती है। (Government School) इससे बच्चों के मन-मस्तिष्क पर विपरित असर पड़ता है।
रसोई कक्ष भी नहीं
सलिहाभाठा में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल के बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन के लिए रसोई की भी व्यवस्था नहीं है। (Education) बच्चों के मध्याह्न भोजन बनाने के लिए पंचायत भवन के रसोई का उपयोग किया जाता है। ऐसे में पंचायत भवन में पंचायत द्वारा किसी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है तब बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Published on:
25 Feb 2024 03:09 pm
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