
घटते तापमान ने बढ़ाई चिंता, ठंढ में बच्चों पर कोल्ड अटैक का खतरा
कोरबा. कडक़ड़ाती सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए कोल्ड अटैक का कारण बन सकता है। निजी स्कूल सुबह साढ़े सात से आठ बजे से संचालित हो रहे हैं। जिसकी तैयारी के लिए बच्चों को एक या आधे घंटे पहले स्कूल बस के लिए स्टॉप पर आना पड़ता है। जबकि अभिभवकों की तैयारी सुबह पांच से छ: बजे तक शुरू हो जाती है। गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान १२ डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया। जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता की भी परेशानी बढ़ गई है। जिसके कारण ही स्कूल संचालन के समय में बदलाव करने की मांग उठ रही है। शासन के सरकारी स्कूल सुबह १० बजे से लगते हैं, जबकि सीबीएसई बोर्ड के साथ ही सीजी बोर्ड से संचालित अन्य निजी स्कूल कहीं साढ़े सात तो कहीं आठ बजे से लगते हैं। जिले का तापमान लगातार नीचे गिर रहा है। खासकर सुबह पांच से लेकर आठ बजे तक ठंढ सबसे ज्यादा लगती है। लगभग सभी निजी स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात बजे से है। इसके लिए बसें सुबह छ: बजे से ही स्टॉप व कॉलोनियों में पहुंच जाती हैं। अभिभावक सुबह छ: बजे से ही बच्चों के साथ निर्धारित स्टॉपेज में खड़े रहते हैं। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पांडे से जवाब लेने की कोशिश की गई पर कोई उत्तर नहीं मिल सका।
प्रबंधन व प्रशासन स्तर पर अब तक पहल नहीं
स्कूल प्रबंधन चाहें तो मौसम को देखते हुए समय में बदलाव कर सकता है। लेकिन वह ऐसा नहीं करते। जिसके कारण अभिभावकों व बच्चों को परेशान होना पड़ता है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर भी कोई आदेश अब तक जारी नहीं किया गया है। हालांकि ठंढ के मौसम में प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों के समय में बदलाव किया जाता रहा है। शहर के उपनगरी क्षेत्र बांकीमोंगरा, ढेलवाडीह, कुसमुंडा, बलगी सहित अन्य क्षेत्रों के साथ ही शहर के बच्चे भी जिला मुख्याल के विभिन्न स्कूलों में अध्ययनरत हैं। कोयला कर्मियों के अधिकांश बच्चे कोरबा, बालको व एनटीपीसी के सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। जहां से इसकी दूरी २५ से ३५ किलोमीटर तक है। इन क्षेत्रों में स्कूल बस सुबह साढ़े पांच बजे ही पहुंच जाती है।
तापमान जितना कम होता है, वायरल इंफेक्शन फैलने का खतरा उतना ज्यादा रहता है। इसे ही कोल्ड अटैक कहा जाता है। बस में सफर करने के दौरान यदि किसी एक बच्चे को सर्दी है और उसने छींक दिया तो यह बड़ी आसानी से सभी में फैल सकता है। बच्चों में सभी बीमारियां वायरल इंफेक्शन के जरिए ही फैलती है। इसलिए सर्दियों में स्कूलों का संचालन ज्यादा सुबह नहीं होना चाहिए।
डॉ राजीव गुप्ता शिशु रोग विशेषज्ञ
Published on:
01 Dec 2018 12:26 pm
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