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निर्वाचन शाखा के कर्मचारी हैं दहशत में, कार्यालय आने व जाने से क्यों घबरा रहे ये, पढि़ए पूरी खबर…

- सोमवार को कर्मचारियों में इस बात की चर्चा है कि कलेक्टोरेट में आवार कुत्ते घूम रहे हैं

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निर्वाचन शाखा के कर्मचारी हैं दहशत में, कार्यालय आने व जाने से क्यों घबरा रहे ये, पढि़ए पूरी खबर...

निर्वाचन शाखा के कर्मचारी हैं दहशत में, कार्यालय आने व जाने से क्यों घबरा रहे ये, पढि़ए पूरी खबर...

कोरबा. चुनावी समर में कलेक्टोरेट के निर्वाचन शाखा के कर्मचारी दहशत में हैं। बीते दो से तीन दिनों में यहां के छ: कर्मचारियों को दो आवारा कुत्तों ने काट लिया है। निगम तक इसकी सूचना पहुंचते ही अफसरों ने यहां चार लोगों की टीम तैनात कर दहशत कायम करने वाले कुत्तो को ढं़ूढक़र पकडऩे कि जिम्मेदारी दी है।

पूरे-पूरे के कलेक्टोरेट परिसर में आवारा कुत्तों का बोलबाला है। सोमवार को कर्मचारियों में इस बात की चर्चा है कि कलेक्टोरेट में आवार कुत्ते घूम रहे हैं। जो लोगों को काटकर तुरंत गायब हो जाते हैं। ऐसे में परिसर में कार्यरत कर्मचारी कुत्तों के इस कारनामे से भयभीत है। लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सभी कार्य समय पर निपटाना भी अनिवार्य है। ऐसे में लोग डर-डर कर परिसर में आ भी रहे हैं और कार्यालय से बाहर निकल भी रहे हैं।

पिछले तीन दिनो में 10 लोगों को बनाया शिकार
कुत्तों की नजर खासतौर से निर्वाचन विभाग पर है। इसके अलावा भी अन्य कर्मचारियों को भी पिछले दो-तीन दिनों के भीतर वह कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। निर्वाचन विभाग के कर्मचारी प्रदीप साहू ने बताया कि कुत्तों ने लगभग १० लोगों को अपना शिकार बना लिया है। कुत्तों की प्रवृत्ति ऐसी हो गई कि वह लोगों को काटने के बाद तुरंत फरार हो जाते हैं।

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निगम के चार कर्मचारी किए गए हैं तैनात
कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की सूचना पर निमग ने कर्मचारियों को यहां तैनात कर दिया है। निगम के कर्मचारी रामप्रसाद मिरी ने बताया कि कुत्तों के द्वारा कलेक्टोरेट परिसर में उत्पात मचाए जाने की सूचना है। जिन्हें पकडऩे के लिए हमारी चार लोगों की टीम सुबह से कलेक्टोरेट में गश्त कर रही है। लेकिन अब तक दोनों में एक भी कुत्ता पकड़ में नहीं आया है।

1800 कुत्तों की नसबंदी फिर भी कायम है दहशत
पिछले वर्ष निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए १८०० कुत्तों की नसबंदी की गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी कुत्तों का प्रकोप कम नहीं हुआ है नियमित अंतरालों पर इस तरह की घटनाएं देखने व सुनने को मिल जाती है। वर्तमान में आचार संहिता लागू होने से नसबंदी योजना की प्रक्रिया लटकी हुई है। इधर कुत्तों की संख्या बढ़ गई है।

-कलेक्टोरेट परिसर व इसके आस-पास के क्षेत्रों के आवारा कुत्तों के द्वारा लगभग १० लोगों को काटा गया है। इनकी संख्या दो है लेकिन वह कुत्ते पागल नहीं है, किसी कारणवश वह हिंसक हो गए हैं। जिसके कारण वह लोगों को काटने के बाद तुरंत फरार हो जाते हैं- वीके सारस्वत, स्वास्थ्य अधिकारी, नपानि