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जमीन अधिग्रहण किया तो नौकरी देने की नियत मेें खोट क्यों

जमीन अधिग्रहण के 30 से 40 साल बाद भी नौकरी नहीं देने पर कलेक्टर ने एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जताई है। देरी होने पर कुसमुंडा, गेवरा और दीपका के महाप्रबंधक को फटकार लगाया है।

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जमीन अधिग्रहण किया तो नौकरी देने की नियत मेें खोट क्यों

अधिकारियों की बैठक लेते कलेक्टर संजीव झा

कलेक्टर संजीव झा ने जानना चाहा कि जमीन अधिग्रहण किए हो तो नौकरी देने की नियत में खोट क्यों है? इसपर एसईसीएल प्रबंधन की ओर से सफाई दी गई। लेकिन कलेक्टर प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण, मुआवजा और नौकरी को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें कोरबा जिले में स्थित सभी सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में कलेक्टर संजीव झा ने एसईसीएल के सभी एरिया महाप्रबंधक से नौकरी, पुनर्वास और मुआवजा को लेकर जानकारी प्राप्त किया। 1978 से लेकर 2004 तक जमीन अधिग्रहण और नौकरी आदि पर सवाल किया। कटघोरा एसडीएम से जानकारी लिया। एसडीएम ने बताया कि कोरबा जिले में दस्तावेजों की सत्यापन के बाद 191 प्रकरणों को आगे की कार्रवाई के लिए एसईसीएल प्रबंधन को भेजा गया है। लेकिन प्रबंधन की ओर से रोजगार देने में रूचि नहीं ली जा रही है। इसपर एसईसीएल प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि संबंधित प्रकरण की जांच के बाद 175 लोगों को पात्र पाया गया है। फाइल एसईसीएल मुख्यालय भेजी गई है।


यह सुनकर कलेक्टर नाराज हो गए। उन्होंने एसईसीएल के अधिकारियों के पूछा कि सर्वे आपने कराया। मुख्यालय को भेजा तो इतनी देरी क्यों हो रही है? तब एक महाप्रबंधक ने कलेेक्टर को कि मुख्यालय से और दस्तावेजों की मांग की जा रही है। इसलिए देरी हो रही है। इसपर कलेक्टर झा ने कहा कि दस्तावेजों के सत्यापन में स्पष्ट हो गया कि संबंधित व्यक्ति वहां रहता है, तो नौकरी देने की नियत में खोट क्यों है? तब महाप्रबंधक ने कहा कि 30 से 40 साल पुराना डॉक्यूमेंट है। इसके वेरिफिकेशन में देरी हो रही है।

इसपर कलेक्टर झा ने कहा कि आपने किसी की जमीन ली है तो बड़े मन से देखिए। जब आप लोग के सर्वे में 175 लोग पात्र पाए गए हैं तो 30 से 40 साल में नौकरी क्यों नहीं मिली। 1978 में जमीन लिया। 2022 चल रहा है। प्रभावित परिवारों की एक पीढ़ी खत्म हो गई। उनका घर और दुकान उजड़ गया फिर वेरिफिकेशन होने के बाद नौकरी में इतनी देरी क्यों? कलेक्टर ने लंबित मामलों को जल्द से जल्द निराकरण करने के लिए कहा।

संयुक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, अपर कलेक्टर विजेन्द्र पाटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अनुविभागीय अधिकारीगण सहित एसईसीएल गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा कोरबा के अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग, सीएसईबी, एनटीपीसी, बालको, लैंको, पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।कलेक्टर संजीव झा ने जानना चाहा कि जमीन अधिग्रहण किए हो तो नौकरी देने की नियत में खोट क्यों है? इसपर एसईसीएल प्रबंधन की ओर से सफाई दी गई। लेकिन कलेक्टर प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण, मुआवजा और नौकरी को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें कोरबा जिले में स्थित सभी सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में कलेक्टर संजीव झा ने एसईसीएल के सभी एरिया महाप्रबंधक से नौकरी, पुनर्वास और मुआवजा को लेकर जानकारी प्राप्त किया। 1978 से लेकर 2004 तक जमीन अधिग्रहण और नौकरी आदि पर सवाल किया। कटघोरा एसडीएम से जानकारी लिया।

एसडीएम ने बताया कि कोरबा जिले में दस्तावेजों की सत्यापन के बाद 191 प्रकरणों को आगे की कार्रवाई के लिए एसईसीएल प्रबंधन को भेजा गया है। लेकिन प्रबंधन की ओर से रोजगार देने में रूचि नहीं ली जा रही है। इसपर एसईसीएल प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि संबंधित प्रकरण की जांच के बाद 175 लोगों को पात्र पाया गया है। फाइल एसईसीएल मुख्यालय भेजी गई है।

यह सुनकर कलेक्टर नाराज हो गए। उन्होंने एसईसीएल के अधिकारियों के पूछा कि सर्वे आपने कराया। मुख्यालय को भेजा तो इतनी देरी क्यों हो रही है? तब एक महाप्रबंधक ने कलेेक्टर को कि मुख्यालय से और दस्तावेजों की मांग की जा रही है। इसलिए देरी हो रही है। इसपर कलेक्टर झा ने कहा कि दस्तावेजों के सत्यापन में स्पष्ट हो गया कि संबंधित व्यक्ति वहां रहता है, तो नौकरी देने की नियत में खोट क्यों है? तब महाप्रबंधक ने कहा कि 30 से 40 साल पुराना डॉक्यूमेंट है। इसके वेरिफिकेशन में देरी हो रही है। इसपर कलेक्टर झा ने कहा कि आपने किसी की जमीन ली है तो बड़े मन से देखिए। जब आप लोग के सर्वे में 175 लोग पात्र पाए गए हैं तो 30 से 40 साल में नौकरी क्यों नहीं मिली।

1978 में जमीन लिया। 2022 चल रहा है। प्रभावित परिवारों की एक पीढ़ी खत्म हो गई। उनका घर और दुकान उजड़ गया फिर वेरिफिकेशन होने के बाद नौकरी में इतनी देरी क्यों? कलेक्टर ने लंबित मामलों को जल्द से जल्द निराकरण करने के लिए कहा। संयुक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, अपर कलेक्टर विजेन्द्र पाटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अनुविभागीय अधिकारीगण सहित एसईसीएल गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा कोरबा के अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग, सीएसईबी, एनटीपीसी, बालको, लैंको, पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।