लंबे समय से पुलिस कर्मियों व उनके परिवार के सदस्यों को कैंटीन की मांग की जा रही थी। बड़े शहरों में पुलिस कर्मियों के लिए कैंटीन की व्यवस्था से जहां कर्मचारियों को बाजार भाव की तुलना में आसानी से सामान मिल जाता था। कोरबा में भी इसके खुलने को लेकर तीन साल से अटकलें लगाई जा रही थी। एसपी मयंक श्रीवास्तव ने कर्मचारियों की सुविधा को देखते हुए इसका प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था। जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद लाइन के ही कार्यालय परिसर में इसका संचालन शुरू किया गया है। दैनिक उपयोगी के हर समान एक ही छत्त के नीचे कर्मचारियों को मिल सकेगा। मंगलवार को आईजी डॉ प्रदीप गुप्ता, मयंक श्रीवास्तव, एएसपी समेत सभी पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में इसका विधिवत शुभारंभ किया।
बताना होगा नाम व पद, फिर मिलेगा समान
पुलिस कर्मियों या फिर उनके परिवार के सदस्यों को सामान खरीदने के लिए अपना नाम व पद की जानकारी देनी होगी। जिसकी एंट्री की जाएगी। उसके बाद खरीदे गए समान की भी एंट्री होगी। पुलिस कर्मी, नगर सैनिकों को इसका लाभ मिलेगा। बाजार भाव से इन सामानों की कीमत 10 से 12 फीसदी कम होगी। 190 रूपए का शैम्पू 176 रूपए में, तेल 88 रूपए से 71 रूपए जैसे छुट मिलेगी। बताया जा रहा है कि इसे ऑनलाइन शॉपिंग से भी जोड़ा जा रहा है।
आईजी ने कहा डायल 112 के शुरू होने से मिला बेहतर साधन
मीडिया से चर्चा के दौरान आईजी गुप्ता ने कहा कि कोरबा मेें उनका यह पहला दौरा है। बिलासपुर रेंज के जिले ऐसे हैं जहां माओवादियों नहीं है, रायगढ़ में कुछ जगह हलचल रहती है। इसलिए यहां चुनौती कुछ अलग है। आने वाले दिनों में चुनाव है। जिसमें पुलिस की जवाबदारी बढ़ जाती है।