अब तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि सटोरियों ने पैसे के लेनदेन के लिए अलग-अलग बैंकों के लगभग 142 खातों का इस्तेमाल किया है। इसके जरिए लगभग 140 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। जांच के द्वारा इन खातों में लगभग 40 लाख रुपए होने की पुष्टि हुई है। इसे पुलिस ने बैंक के जरिए फ्रीज करा दिया है। इस कार्रवाई के बाद सटोरिये इस खाते से राशि नहीं निकाल पाएंगे।
पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला है कि बैंक खातों से नकद राशि निकालने के बाद सटोरियों ने इसे अलग-अलग स्थान पर पहुंचाया। इसमें कई सफेदपोश लोग भी हैं। उनके खिलाफ पुलिस सबूत एकत्र कर रही है। हालांकि पुलिस के लिए साक्ष्य जुटाना बेहद कठिन है।
IPL Satta App Case: रुपए किसके पास पहुंचे, इसकी जांच
पुलिस जांच के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि बैंक खातों से हुआ 140 करोड़ रुपए किसके पास पहुंचा और बैंक से नकदी निकालने के बाद इस राशि का इस्तेमाल कैसे किया गया। कोरबा पुलिस ने हाल ही में महादेव एप के जरिए आईपीएल में सट्टा से जुड़े एक बड़े कारोबार को पकड़ा है। पुलिस के अनुसार गिरोह का मुख्य सरगना प्रतीक विधवानी है जो डीडीएम रोड कोरबा का निवासी है। पुलिस का कहना है कि प्रतीक अपने कारोबार के लिए गिरोह बनाया और पूणे में एक फ्लैट किराए पर लेकर संचालित कर रहा था। अभी तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रतीक और उसके गिरोह ने रूपए किसे दिया।
अपना खाता किसी को न दें, पुलिस की अपील
भाड़े पर बैंक खाता लेकर लेनदेन के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। अब तक की जांच में चौकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। इसके बाद पुलिस ने लोगों को सतर्क किया है। कहा है कि अपने बैंक खाते, एटीएम, पासबुक, चेकबुक किसी भी व्यक्ति को किराये पर या अन्य काम के लिए अनजान व्यक्ति को उपलब्ध न कराएं। इससे अगर रूपए का लेनदेन होता है तो संबंधित खातेदार के लिए आपराधिक प्रकरण बनता है। मामले की जांच कर रही पुलिस उन लोगों से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है जिन्होंने सटोरियों को भाड़े पर अपना खाता दिया हुआ है। इसमें कुछ लोग कोरबा के और अन्य लोग प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर धन शोधन के बारे में जानकारी मिल रही है।
15 हजार रुपए मासिक किराए पर लिया बैंक खाता
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि प्रतीक और उसके गिरोह ने 15 हजार रुपए के मासिक किराये पर लोगों को बैंक खाते, पासबुक और एटीएम कार्ड को लिया और सट्टे की राशि को इन खातों में डलवाया और यहां से राशि निकालकर अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाई गई। पुलिस ने माना है कि जिस तरीके से खातों में राशि मंगाई गई और उसे अलग-अलग स्थान पर पहुंचाया गया वह कायदे-कानून के खिलाफ है और गलत तरीके से लेनदेन हुआ है। मामले में पुलिस ने अब तक की जांच में मिले 142 खातों के बारे में जानकारी संबंधित बैंकों से मंगाया है और इसका विश्लेषण कर रही है। किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश में लगी है।