बीएसएनएल द्वारा प्रदाय ब्रॉडबैंड की सेवा लेने के लिए घरों व दफ्तरों मे
लगाए गए मॉडम एक तरह से हैंग हो गए हैं। जिसे सुधारने के लिए उपभोक्ता इसे
लेकर बीएसएनएल के दफ्तरों की दौड़ लगा रहे हैं।
बीएसएनएल पर साइबर हमला हो गया है। बॉटनेट नाम के वायरस ने इंजीनियरों के होश उड़ा दिए हैं। बीएसएनएल द्वारा प्रदाय ब्रॉडबैंड की सेवा लेने के लिए घरों व दफ्तरों मे लगाए गए मॉडम एक तरह से हैंग हो गए हैं। जिसे सुधारने के लिए उपभोक्ता इसे लेकर बीएसएनएल के दफ्तरों की दौड़ लगा रहे हैं।
बीएसएनएल ने अपने ज्यादातर उपभोक्ताओं को आई बॉल का मॉडम प्रदाय किया है। इसके साथ ही सूपरनेट, सेमरा जैसे कई कंपनियों के मॉडम वायरस के कारण अपने-आप ही रीसेट हो गए हैं। जिसके कारण मॉडम में इंटरनेट का सिग्नल दिखाने वाली लाईट लाल हो गई है।
जोकि इसके रीसेट होने का संकेत है। वायरस के प्रभाव से जिले कई घरों व दफ्तरों मे बीएसएनएल की सेवा पूरी तरह से ठप है। जिससे उपभोक्ता हलाकान हो रहे हैं।
हालांकि डी लिंक और डाटा आई जैसे कुछ कंपनियों के मॉडम इस वायरस से अछूते हैं। ऐसी कंपनियों के मॉडम ठीक तरह से कार्य कर रहे हैं।
अब डोंगल का सहारा
- सरकारी हो या निजी सभी कार्यालयों में ब्रॉडबेंड की सर्विस के बिना कार्य अटक जाते हैं। बीएसएनएल की सेवा ठप होने की स्थिति में सभी कार्यालयों में डोंगल के सहारे कार्य किया जा रहा है।
तीन दिनों से सेवा पूरी तरह से ठप
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बीएसएनएल पर बॉटनेट वायरस ने तीन दिन पहले हमला किया था। जिसका प्रभाव अब भी बना हुआ है। कई उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी भी नहीं है। जिन्हें पता चला उन्होंने बीएसएनएल के दफ्तर पहुंचकर मॉडम को फिर प्रोग्राम करवा लिया है। साइबर अटैक तीन दिन पहले पहले हुआ था।
3500 उपभोक्ता हैं जिले में
- बीएसएनएल के ब्रॉडबैंड के जिले में तीन हजार 500 उपभोक्ता हैं। इसमें से कई लोग हैं। जो इस अटैक से प्रभावित हुए हैं। हालांकि लैंडलाईन कनेक्शन पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा है। जहां इंटरनेट का नियमित इस्तेमाल होता है। वहां के उपभोक्ता इससे हलाकान हैं।