18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Korba Power Plant: अगले छह साल में बिजली की मांग बढ़ जाएगी डेढ़ गुना, उत्पादन रहेगा जस का तस

Electricity Demand: प्रदेश में बढ़ते औद्योगिकरण से ऊर्जा की जरूरतें तेजी से बढ़ रही है। बिजली की मांग में सालाना साढ़े सात फीसदी का इजाफा हो रहा है।

2 min read
Google source verification
korba.jpg

Korba News: प्रदेश में बढ़ते औद्योगिकरण से ऊर्जा की जरूरतें तेजी से बढ़ रही है। बिजली की मांग में सालाना साढ़े सात फीसदी का इजाफा हो रहा है। मांग में बढ़ोत्तरी इसी प्रकार होती रही तो वर्ष 2029- 30 में छत्तीसगढ़ को 8805 मेगावॉट बिजली की जरुरत होगी, जो वर्तमान में लगभग 6000 मेगावॉट है। यह अनुमान केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण ने 20वीं इलेक्ट्रिक पॉवर सर्वे के आधार पर लगाया है। सर्वे के आधार पर विद्युत प्राधिकरण ने बताया कि छत्तीसगढ़ की बिजली जरूरतें हर साल लगभग साढ़े सात फीसदी बढ़ रही है।

राज्य में बिजली की मांग अप्रैल से सितंबर तक लगभग समान रहती है। जबकि अन्य माह में रात की तुलना में दिन में बिजली की खपत अधिक होती है। प्रदेश में बिजली को पूरा करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी की है, जिसकी वर्तमान उत्पादन क्षमता 2445 मेगावॉट है। यह कुल खपत का लगभग 40 फीसदी है। बिजली की शेष मांग को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी को अन्य कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है।

यह भी पढ़ें: महिला को बाइक पर लिफ्ट देकर ले गया जंगल और शुरु कर दी छेड़छाड़, मारपीट कर ट्रांसफर कराए रुपए

वर्ष 2018 में उत्पादन कंपनी ने तय मानक से अधिक प्रदूषण फैलाने पर 50- 50 मेगावॉट की चार इकाइयों को बंद कर दिया था। इन इकाइयों की स्थापना 1966- 68 में पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से किया गया था। 31 दिसंबर 2020 को कोरबा में स्थित कंपनी की 120- 120 मेगावॉट की दो इकाइयां बंद हो गई थी। कोरबा पॉवर प्लांट के इन इकाइयों के बंद होने से छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में कंपनी को 440 मेगावॉट की कमी हुई है। वर्ष 2029 में उत्पादन कंपनी की 210 मेगावॉट की इकाइयां भी बंद होने वाली है।

प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग और बंद होती पुरानी इकाइयों के स्थान पर नया संयंत्र लगाने की योजना है। इसके लिए प्रदेश की पूर्व सरकार ने कोरबा पश्चिम में 1320 मेगावॉट संयंत्र की स्थापना के लिए आधारशिला रखी थी। इसके लिए पर्यावरणीय सुनवाई का काम पूरा हो गया है। संयंत्र की स्थापना में आर्थिक सहयोग देने के लिए बैंक भी सामने आएं हैं। लेकिन अब प्रदेश सरकार इस संयंत्र की स्थापना में रूचि नहीं ले रही है। इससे प्रस्तावित संयंत्र ठंडे बस्ते में चला गया है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 7858 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी के अलावा एनटीपीसी और अन्य विद्युत कंपनियों के संयंत्र शामिल है। यहां कुल बिजली का लगभग 80 फीसदी हिस्सा कोयला से होता है।

वित्तीय वर्ष मांग (मेगावॉट)

2023- 24 5824

2024- 25 6232

2025- 26 6668

2026- 27 7165

2027- 28 7634

2028- 29 8168

2029- 30 8740

अखिल भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री राधेश्याम जायसवाल ने कहा की प्रदेश की बिजली जरूरतें बढ़ रही हैं, इसकी पूर्ति के लिए कोरबा में 1320 मेगावॉट का संयंत्र प्रस्तावित है। संयंत्र की स्थापना तय समय में की जानी चाहिए, नहीं तो दूसरी कंपनियों पर प्रदेश सरकार की निर्भरता बढ़ती जाएगी। इससे आर्थिक नुकसान होगा।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में फिर जिम्मेदारी महिला संगवारियों को