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आत्मानंद में केवल आर्ट्स और कॉमर्स, बायो गायब…. निराश विद्यार्थी को मजबूर होकर उठाना पड़ रहा ये कदम

Korba News: महाविद्यालय में स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थियों की रुचि सबसे अधिक जीव विज्ञान के प्रति रहती है, लेकिन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी महाविद्यालयों में इस विषय का संकाय नहीं होने की वजह से निराशा है।

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Only Arts and Commerce in Atmanand, bio missing

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल महाविद्यालय

Chhattisgarh News: कोरबा पत्रिका @ गुनेश्वर ताम्रकर। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों के सामने आर्थिक समस्या रोड़ा नहीं बने। इसके लिए प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल (सेजस) और महाविद्यालय की स्थापना की गई है, लेकिन विद्यार्थी कक्षा 10वीं के बाद हायर सेकंडरी और महाविद्यालय किस विषय से भविष्य बनाए? इसे लेकर छात्र और पालक चिंतित हैं।

महाविद्यालय में स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थियों की रुचि सबसे अधिक जीव विज्ञान के प्रति रहती है, लेकिन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी महाविद्यालयों में इस विषय का संकाय नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों में निराशा है। कोरबा में (Swami Atmanand English Medium College Korba) स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के चार विद्यालय संचालित हैं, लेकिन विद्यालय में कला और वाणिज्य विषय है। इन विद्यार्थियों ने अन्य महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की है, वहीं कुछ विद्यार्थी अब स्वाध्यायी पढ़ाई कर परीक्षा देने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

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इधर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालयों में जीव विज्ञान में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों में मारामारी है। बता दें कि इस सत्र से कोरबा स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय के साथ ही (CG Hindi News) बिलासपुर, महासमुंद और रायगढ़ में शुरुआत की गई है। महाविद्यालय में बीए, बीएससी (गणित), बीएससी (कंप्यूटर साइंस), बी.कॉम प्रथम वर्ष में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है, लेकिन बीएससी (जीव विज्ञान) में प्रवेश के लिए विकल्प नहीं दिया गया है। इस कारण विद्यार्थी प्रक्रिया प्रवेश की दौरान काफी परेशान हुए। शासन की ओर से बीए में 90 और अन्य संकायों में 60-60 सीटों प्रवेश को लेकर निर्धारित की गई है।

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दूसरे विद्यालय में प्रवेश लेने को मजबूर

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा 10वीं की बार्ड परीक्षा में कुछ विद्यार्थियों को 50 फीसदी से भी कम अंक मिले हैं। इन विद्यार्थियों में कला और वाणिज्य विषय लेकर आगे की पढ़ाई करने की रुचि थी, लेकिन सेजस में विषय नहीं होने की वजह से कुछ विद्यार्थियों ने टीसी निकलवा लिया। परीक्षा में कम अंक होने की वजह से निजी विद्यालय के अंग्रेजी(Korba hindi news) माध्यम में प्रवेश को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ी, कई परीक्षार्थियों को बोर्ड में अधिक अंक होने के बाद भी वाणिज्य और कला विषय से आगे की पढ़ाई में रुचि थी।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी महाविद्यालय में बीएससी जीव विज्ञान संकाय का विकल्प नहीं मिला है। इस संबंध में शासन को अवगत कराया गया है। -डॉ. साधना खरे, प्राचार्य

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