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2025 में गेवरा से 70 एमटी कोयला खनन के लिए फरवरी 2024 में होगी जन सुनवाई

कोरबा. गेवरा प्रोजेक्ट में संभावित लगभग 1000 मिलियन टन कोयला को बाहर निकालने के लिए कोल इंडिया बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत गेवरा खदान का विस्तार किया जाना है। कंपनी की योजना गेवरा से सालाना 70 मिलियन टन कोयला खनन की है।

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2025 में गेवरा से 70 एमटी कोयला खनन के लिए फरवरी 2024 में होगी जन सुनवाई

2025 में गेवरा से 70 एमटी कोयला खनन के लिए फरवरी 2024 में होगी जन सुनवाई

इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंपनी को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति जरुरी है। गेवरा प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक एसके मोहंती ने बताया कि खदान से सालाना 70 मिलियन टन कोयला खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति की जरुरत है। इसके लिए स्थानीय प्रबंधन फरवरी 2024 में पर्यावरणीय जनसुनवाई कराने की योजना बना रहा है। मई 2024 तक खदान की विस्तार से संबंधित फाइल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी जाएगी।

प्रबंधन की कोशिश होगी कि वर्ष 2025 तक गेवरा खदान विस्तार की अनुमति केन्द्र सरकार से प्राप्त कर ली जाए। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरणीय सुनवाई से पहले खदान विस्तार के लिए आसपास के गांवों में ग्राम सभा कराई जाएगी। ग्रामीणों की सहमति ली जाएगी। इसके बाद ही विस्तार की योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। महाप्रबंधक मोहंती सोमवार को गेवरा में मीडिया से चर्चा कर रहे थे।

प्रबंधन के समक्ष जमीन अधिग्रहण बड़ी चुनौती

एक सवाल के जवाब में महाप्रबंधक मोहंती ने बताया कि खदान विस्तार में सबसे बड़ी चुनौती जमीन अधिग्रहण की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन और ग्रामीणों से चर्चा कर इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। विस्तार के लिए कुछ गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। वहां मुआवजा वितरण काम शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिग्रहित गांवों में लगभग 90 फीसदी मुआवजा भुगतान के काम को पूरा कर लिया गया है। कुछ मामलों में आंकलन और वितरण किया जा रहा है। प्रभावित लोग मुआवजा ग्रहण के लिए पहुंच रहे हैं।

कोल इंडिया ने बनाई नए वित्तीय वर्ष में एक बिलियन टन खनन की योजना

कोयला मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 में एक बिलियन टन (बीटी) या एक हजार मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोयला कंपनियों की गहन समीक्षा हुई है। सीआईएल के लिए 780 मिलियन टन (एमटी), सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड के लिए 75 एमटी और कैप्टिव और वाणिज्यिक खानों के लिए 162 एमटी का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। सीआईएल में कुल 290 खानें परिचालन में हैं, जिनमें से 97 खानें प्रति वर्ष एक मिलियन टन से अधिक का उत्पादन करती हैं। इसमें कोरबा जिले में स्थित गेवरा, दीपका, कुसमुंडा के अलावा मानिकपुर और सरायपाली भी शामिल है, जहां सालाना एक मिलियन टन से अधिक उत्पादन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सीआईएल ने वर्ष 2021-22 के दौरान 622 एमटी का उत्पादन किया था।

आंशिक रूप से अधिग्रहित गांवों का पूर्ण अधिग्रहण

महाप्रबंधक मोहंती ने बताया कि गेवरा खदान के लिए कुछ गांवों का आंशिक तौर पर अधिग्रहण किया गया है। जैसे-जैसे प्रबंधन को खदान के लिए जमीन की जरुरत होगी वैसे-वैसे अधिग्रहण किया जाएगा।

चालू वित्तीय वर्ष में 52 एमटी खनन का लक्ष्य

चालू वित्तीय वर्ष में मेगा प्रोजेक्ट गेवरा से कोल इंडिया ने 52 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य रखा है। सोमवार को कंपनी ने इस खदान से 50 मिलियन टन कोयला खनन पूरा कर लिया था। 31 मार्च तक यहां से दो मिलियन टन कोयला खनन किया जाना है। जिस गति से वर्तमान में खनन हो रहा है, उसे देखकर स्थानीय प्रबंधन को उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले ही लक्ष्य प्राप्त कर लेगा।