scriptपहली बार झुंड में एक साथ दिखे सात बेबी ऐलीफेंट, पढि़ए क्यों भा रहा हाथियों को कोरबा का जंगल | Seven Baby Elephants in the swarm | Patrika News

पहली बार झुंड में एक साथ दिखे सात बेबी ऐलीफेंट, पढि़ए क्यों भा रहा हाथियों को कोरबा का जंगल

locationकोरबाPublished: Jun 18, 2019 08:26:59 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

कुदमुरा और छाल रेंज के 50 किमी के जंगल के बीच हाथियों (Elephants) के झुंड में एक साथ सात नए मेहमान आए हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि दो माह के अंतराल में सात बेबी ऐलीफेंट (Baby Elephant) ने जन्म लिया। हाथियों के लिए जिले का जंगल (Forest) प्यारा निवास स्थान (Elephant habitat) बना हुआ है।

पहली बार झुंड में एक साथ दिखे सात बेबी ऐलीफेंट, पढि़ए क्यों भा रहा हाथियों को कोरबा का जंगल

पहली बार झुंड में एक साथ दिखे सात बेबी ऐलीफेंट, पढि़ए क्यों भा रहा हाथियों को कोरबा का जंगल

कोरबा. कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज के सिमकेंदा में इस समय 18 हाथी (Elephant) डेरा जमाए हुए है। वन विभाग (Forest department) और ग्रामीण उस समय आश्चर्य में पड़ गए जब इन 18 हाथी (Elephant) में से सात हाथी बेबी ऐलीफेंट पाए गए। इनमें से आधे काफी छोटे हैं तो कुछ बड़े हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब एक साथ इतनी अधिक संख्या में बेबी ऐलीफेंट झुंड में है।
अब तक 70 से 80 हाथियों के झुंड में भी बेबी ऐलीफेंट की संख्या महज दो से तीन हुआ करती थी। लेकिन इस बार 18 हाथियों में सात बेबी ऐलीफेंट (Baby Elephant) है। जब ये झुंड छह माह पूर्व करतला रेंज के आसपास था तब इनकी संख्या 12 थी। इन 12 में से दो हाथी झुंड से अलग हो गए। एक दंतैल अलग होकर पिछले तीन माह में छह लोगों को कुचल चुका है। जबकि एक दूसरे रेंज में है। 10 हाथियों (Elephants) के झुंड में सात मादा और तीन नर हाथी बताए जा रहे हैं। अब सात नए मेहमान इस गु्रप में हंै। सात बेबी ऐलीफेंट होने के बाद से ये झुंड एक ही जगह पर काफी दिन तक ठहरा हुआ है।
यह भी पढ़ें
आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक के बाद एक चलती बस से कूदने लगीं महिलाएं, यात्रियों के बीच मच गया हड़कंप, फिर जो हुआ, पढि़ए पूरी खबर…

पहली बार झुंड में एक साथ दिखे सात बेबी ऐलीफेंट, पढि़ए क्यों भा रहा हाथियों को कोरबा का जंगल

इसलिए हाथियों को भा रहा जंगल
जिस क्षेत्र में बेबी ऐलीफेंट जन्म ले रहे हैं उस 50 किमी के दायरे में हाथियों को पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था है। मांड नदी में 12 माह पानी और कई छोटे नाले हाथियों के रूट में है। यही वजह है कि इस क्षेत्र मेें कभी सूखा नहीं पड़ता। हरियाली होने की वजह से जंगल में झुंड आराम से रहता है। करतला रेंज में खरीफ के साथ रबी फसल भी अच्छी होती है इसलिए किसी प्रकार की दिक्कत हाथियेां को नहीं आती। विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों के प्रजननकाल के दौरान एकांत और घने जंगल जहां शोर शराब ना हो ऐसा इलाका ज्यादा पंसद होता है। इसलिए इस ओर हाथियों ने स्थाई रहवास बना लिया है।

ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश
झुंड में जब बेबी ऐलीफेंट होते हैं तो वयस्क हाथी बहुत ज्यादा सक्रिय होते हैं। आसपास ग्रामीणों के हलचल को देखने से बिदक सकते हैं। जानमाल का खतरा भी हो सकता है। इसलिए वन विभाग द्वारा आसपास के गांव में मुनादी करा दी गई है। जब तक झुंड जंगल में है तब तक उस ओर जाने से मना किया जा रहा है।

-सिमकेंदा के 18 हाथियों के झुंड में सात बेबी ऐलीफेंट है। ऐसा बहुत कम होता है जब इतने अधिक संख्या में बेबी ऐलीफेंट एक साथ झुंड में हो। आसपास के इलाकों में मुनादी कराके आसपास नहीं जाने के लिए मुनादी कराई गई है- डीडी बंजारा, रेंजर, कुदमुरा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो