10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरबा में दल से अलग हुआ घायल हाथी, इंसानों ने भी खदेड़ा, 100 से अधिक गजराज कर रहे विचरण

Korba Elephant News: कोरबा जिले के करतला में घायल हाथी के दिखने से लोगों के बीच इसको लेकर काफी सनसनी मच गई। पैर में चोट लगने से घायल हाथी अपने दल से दूर हो गया।

3 min read
Google source verification
Elephant News

Elephant News: कोरबा जिले के करतला शासकीय महाविद्यालय के निकट एक घायल हाथी के पहुंचने से क्षेत्र में हलचल मच गई। बीमार हाथी को बेहोश कर करतला के जंगल में इलाज किया गया। हाथी के घाव को डॉक्टरों की टीम ने साफ किया और मरहम पट्टी लगाकर इलाज किया। बेहोश होने के करीब आधे घंटे बाद हाथी को होश आया। इसके पहले डॉक्टरों की टीम इलाज कर जंगल से सुरक्षित बाहर निकल गई।

कोरबा वनमंडल में हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। झुंड से अलग होकर एक हाथी चल रहा है। इसकी आयु लगभग 30 से 35 साल के बीच है। लेकिन दांत नहीं है। इसे वन विभाग की भाषा में मकना हाथी कहा जाता है। वन विभाग की ओर से बताया गया है कि वनमंडल कोरबा अंतर्गत करतला के जंगल में पहली बार सात दिसंबर को एक मकना हाथी नजर आया है। हाथी को चलने में परेशानी हो रही थी।

वन विभाग की टीम पास पहुंची तो हाथी के पैर में घाव दिखाई दिया। इसके बाद विभाग की ओर से केले के पत्ते में जरुरी दवाइयां दी गई थी। इससे हाथी को थोड़ी राहत मिली। हाथी जंगल के भीतर चला गया। 12 दिसंबर को हाथी फिर नजर आया। उस दिन भी दवाइयां दी गई थी। इसपर नजर रखी जा रही थी। इस बीच बीमार हाथी 17 दिसंबर को करतला विकासखंड मुयालय से लगे महाविद्यालय के करीब नगर आया। हाथी बिलकुल चलने नहीं सक रहा था। उसे परेशानी हो रही थी। इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दी गई। मुय वन संरक्षक को अवगत कराया गया।

यह भी पढ़े: Elephant In Chhattisgarh: 35 हाथियों के दल ने 3 मकानों को तोड़ा, फिर घर के अंदर घुसकर चट कर गए अनाज

इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित

इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम का गठन किया गया। इसमें तमोर पिंगला के डॉ. अजीत पांडे, जंगल सफारी के डॉ. राकेश वर्मा और कानन पेंडारी के डॉ. पीके चंदन को शामिल किया गया। हाथी को बेहोश कर इलाज की योजना बनाई गई। मुय वन संरक्षक से हाथी को बेहोश करने की अनुमति ली गई। गुरुवार को करतला के पास ग्राम बड़माड़ के जंगल में बीमार हाथी के ठहरने की जानकारी मिली।

डॉक्टरों की टीम के साथ वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हाथी को बेहोश किया गया। तीनों डॉक्टरों ने हाथी की मरहम पट्टी की। उसे जरुरी दवाइयां प्रदान की गई। इसके बाद टीम जंगल से बाहर निकल गई। हाथी को काबू में करने के लिए महावत को भी बुलाया गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथी की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

जरुरत पड़ी तो इलाज के लिए और विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। जब हाथी को जंगल को बेहोश किया गया, उस दौरान मौके पर वन मंडलाधिकारी अरविंद पीएम, एसडीओर दक्षिण सूर्यकांत सोनी, एसडीओ आशीष खैरवार सहित वन परिक्षेत्राधिकारी आदि उपस्थित थे।

जिले में 100 से अधिक हाथी कर रहे विचरण

कोरबा और कटघोरा वनमंडल में 100 से अधिक हाथी कर रहे विचरणवर्तमान में कोरबा जिले में हाथियों की संया में बढ़ोत्तरी हुई है। कोरबा वनमंडल में लगभग 80 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। कटघोरा वनमंडल में लगभग 50 हाथी ठहरे हुए हैं। दोनों वनमंडल में एक साथ इतनी अधिक संया में हाथियों की मौजूदगी से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है।

हाथी के विचरण क्षेत्र में रहने वाले लोग भी अपनी जानमाल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहीं वन विभाग का कहना है कि हाथियों पर नजर रखी जा रही है। इस कार्य में हाथी मित्र दल की मदद ली जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कराई जा रही है। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि हाथी विचरण क्षेत्र में लोग जंगल के भीतर जाने से बचें।