Uranium in Chhattisgarh: परमाणु ऊर्जा विभाग छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में यूरेनियम की तलाश करेगी। इस सर्वे के लिए दो गांवों को चिन्हित किया गया है। बताया जा रहा है कि इन दो गांवों में यूरेनियम होने की पुष्टि की गई है।
Uranium in Korba: प्राकृतिक संसाधन से भरपूर कोरबा जिले में पहली बार यूरेनियम की तलाश की जाएगी। इसके लिए दो गांवों को चिन्हित किया गया है। सर्वे का काम परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाई परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को दिया गया है। खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान के लिए घने जंगलों के बीच स्थित ग्राम धनगांव और गढ़तरा को चिन्हित किया गया है।
इनकी लगभग 5 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर यूरेनियम की मौजूदगी का पता हेलीबोन भू भौतिकी सर्वेक्षण के तहत करने की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य शासन के जरिए जिला प्रशासन को सूचना भेजी गई है। जिन इलाकों में सर्वे किया जाना है उसका दायरा भी निर्धारित किया गया है। बताया जाता है कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय इन दोनों गांवों में यूरेनियम की पुष्टि होने पर उपयोग भी खुद ही करेगा।
यहाँ भारत के विभिन्न भागों में डी.ई.ए. द्वारा यूरेनियम अन्वेषण को दर्शाने वाला चार्ट दिया गया है। यह चार्ट छह क्षेत्रों: आंध्र प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक, मेघालय और तेलंगाना में मीट्रिक टन में खोजे गए यूरेनियम की मात्रा को दर्शाता है।
जिले में लीथियम का पता चलने के बाद केंद्र सरकार ने इसके सर्वे का दायरा बढ़ा दिया है। अब लिथियम का सर्वे लगभग 5 हजार हेक्टेयर जमीन (Uranium in CG) पर किया जाएगा। जिन गांवों में लिथियम का सर्वे होना है उसमें बावापारा, नवापारा, गुरुभाठा, दर्राभाठा, बरपनटोला, पंडरिया, गंगपुर के अलावा कटघोरा के पास स्थित ग्राम रामपुर और छुरी के निकट स्थित छुरी और जेंजरा शामिल हैं। इनमें लीथियम का सर्वे जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा।
भौमिकी रायपुर के संयुक्त संचालक संजय कन्तने ने बताया - खजिन तत्व की तलाश के लिए आने वाले दिनों में सर्वे होनी है। इस पर अगस्त में एक सेमीनार का आयोजन भी रायपुर में किया गया है।