
कोरबा . अब डोलोमाइट का सड़क और भवन निर्माण में भी उपयोग हो सकेगा। इससे पहले तक डोलोमाइट का उपयोग सिर्फ उद्योग कर सकते थे। लेकिन शासन ने नियम शिथिल करते हुए अब इसे आम लोगों को भी उपयोग करने की छूट दी है, जो कि एक अप्रैल से प्रभावशील होगा।
डोलोमाइट एक पत्थर की तरह होता है। अन्य प्रदेशों जैसे एमपी, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत अन्य जगहों पर डोलोमाइट का उपयोग भवन निर्माण में सबसे अधिक होता है। जिन जगहों पर ये आसानी से उपलब्ध है उन जगहों पर निर्माण कराने के लिए डोलोमाइट सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। एक तो डोलोमाइट से निर्माण से गुणवत्ता और भी बेहतर होती है तो वहीं अन्य सामान जैसे सीमेंट, छड़ व रेत का उपयोग बेहद कम होता है।
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छत्तीसगढ़ में अब तक डोलोमाइट का उपयोग के लिए सिर्फ उद्योगों को ही अनुमति थी। लेकिन अब इसे आम लोगों के उपयोग के लिए भी छूट दे दी गई है। लेकिन इसमें सरकार ने उद्योगों व आम लोगों के उपयोग दोनों के लिए रायल्टी शुल्क एक ही रखा है। दोनों के लिए 90 रूपए प्रति टन का रायल्टी देना होगा। ऐसे में सिविल ठेकेदारों की मांग भी है कि इस उद्योगों की तुलना में इसे आधा किया जाएं।
अब मिट्टी के उपयोग पर भी लगेगा रॉयल्टी
इधर निर्माण कार्य में अगर कहीं भी मिट्टी का उपयोग किया जाएगा, तो उस पर खनिज विभाग द्वारा रायॅल्टी वसूली जाएगी। इससे पहले तक ईंट, बर्तन बनाने पर रॉयल्टी ली जाती थी। लेकिन अब घरेलू व व्यवसायिक निर्माण पर भी 50 रूपए प्रतिघन मीटर की दर से राशि वसूली जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में इसका सबसे अधिक उपयोग होता है लिहाजा ग्रामीणो पर इसका भार सबसे अधिक होगा।
उपलब्धतता कम, लोगों को ढूंढना पड़ेगा
इधर डोलोमाइट की उपलब्धतता जिले में नहीं के बराबर है। प्रदेश में सिर्फ दो से तीन जगहों पर ही यह बेहतर क्वालिटी का मिलता है। इसलिए लोगों को अगर डोलोमाइट से घर बनाना है तो इसके लिए डीलरों से संपर्क करना पड़ेगा। इधर शासन द्वारा ऐसे गौण खनिज जो कि आसानी से उपलब्ध है रेत की दर को बढ़ा दी गई है।
जिले में खुल सकेगी क्वार्टज की खदानें
अब तक कोरबा जिले में क्वार्टज की रायल्टी बाजार मूल्य आधारित था। बाजार मूल्य निधार्रित नहीं होने के कारण क्वार्टज की उत्खनन पटट्े की नीलामी लंबित थी। लेकिन अब शासन द्वारा क्वार्टज की रायल्टी दर को ९० रूपए प्रतिटन से नीलाम करने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।
प्रति टन 90 रु. रायल्टी
डोलोमाइट का उपयोग अब तक केवल उद्योगों में होता था। लेकिन अब एक अप्रैल से इसका उपयोग सड़क व भवन निर्माण में भी हो सकेगा। इसके लिए 90 रूपए प्रति टन के हिसाब से रायल्टी देना होगा- डीके मिश्रा, उप संचालक, खनिज विभाग, कोरबा

Published on:
25 Mar 2018 10:39 am
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