
कोरबा जिले में अभी बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं, जिन्हें उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिला है। अलग अलग विकासखंड में 58 हजार परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत घरेलू गैस सिलेंडर कनेक्शन मिलने हैं। लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं मिल रहा है। लोग कनेक्शन के लिए मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा रहे हैं और अफसर कह रहा है कि परिवार नहीं मिल रहे हैं।
पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि कोरबा जिले में 58 हजार परिवारों को गैस कनेक्शन आने वाले दिनों में दिया जाना है। लेकिन ये परिवार संबंधित पते पर नहीं मिल रहे हैं। इससे योजना मूर्त रूप नहीं ले रही है। 58 हजार परिवारों के नहीं मिलने से प्रशासन भी हैरान है। अफसर नहीं पा रहे हैं कि आखिर ये परिवार कहां चले गए? गांव छोड़कर पलायन कर गए या आर्थिक सामाजिक जनगणना में कमी रह गई थी।
इधर, पेट्रोलियम कंपनियों के दावे के विपरीत गैस डिस्ट्रीब्यूटरों की अपनी परेशानी है। उनका कहना है कि आर्थिक और सामाजिक जनगणना के आधार पर तैयार उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन प्रदान किए जाने हैं। योजना की शर्त के अनुसार परिवार की महिला मुख्यिा को भी कनेक्शन दिया जाना है। यह भी एक बड़ी बाधा है। आधार कार्ड में होने वाली त्रूटि से भी योजना मूर्त रूप नहीं ले रही है।
रिफलिंग मात्र 15 फीसदी
एक तरफ प्रशासन उज्ज्वला योजना के तहत लक्ष्य को पाने में लगा हुआ है, तो दूसरी तरफ कनेक्शन की रिफलिंग नहीं होने की खबर चिंता को बढ़ा रही है। कुल बांटे गए कनेक्शन के १५ फीसदी सिलेंडर की रिफलिंग ही हर माह हो रही है।
कलेक्टर भी चिंतित
उज्ज्वला योजना को लेकर पिछले दिनों जिला स्तर पर एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें 58 हजार परिवारों के नहीं मिलने की जानकारी दी गई। इस पर कलेक्टर ने सभी विकासखंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा था कि वे भौतिक सत्यापन करें कि परिवार कहां चला गया। ताकि 58 हजार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।
एक लाख 45 हजार लक्ष्य
केन्द्र सरकार ने जिला प्रशासन को एक लाख 45 हजार परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया है। अभीतक प्रशासन 88 हजार 907 परिवारों को कनेक्शन बांट पाया है। एक हजार 800 और परिवार कनेक्शन के योग्य पाए गए हैं। इस पर कार्रवाई चल रही है।
Published on:
18 Mar 2018 10:58 am
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