
CG Human Story : ...जब नहीं पहुंचे रिश्तेदार तो पत्नी ने अपने बेटियों के साथ पति को दी मुखाग्नि
कोरबा. पति की मौत के बाद जब ससुराल पक्ष की ओर से कोई भी रिश्तेदार अंतिम क्रिया के रिवाज़ों को पूरा करने के लिए सामने नहीं आ सका, तब बेबस हो चुकी अर्धांगिनी ने सीने पर पत्थर रखकर अपनी दो अबोध बेटियों के साथ मिलकर पति की चिता को मुखाग्नी दी।
दरअसल बांकीमोंगरा निवासी ओमप्रकाश शहर के अमरैयापारा में पत्नी पिंकी भारत और १४ व ११ वर्ष की दो बेटियों के साथ किराए के मकान में रहता था। कुछ दिन पहले सिगड़ी में केरोसिन तेल डालते समय ओमप्रकाश आग की तेज लपटों से बुरी तरह झुलस गया। उपचार के लिए उसे बिलासपुर में भर्ती कराया गया था। लेकिन बदकिस्मती से उसकी जान नहीं बच पाई।
सोमवार को ओमप्रकाश का शव घर पहुंचाया गया। गम में डूबी पत्नी और उसकी दोनो बेटियों ने इसकी सूचना मृतक ओमप्रकाश के भाई को दी, जोकि संभवत: बस्तर में नौकरी करते हैं, लेकिन भाई के साथ ही अन्य परिजन भी अंतिम क्रिया में नहीं पहुंचने की मजबूरी बताई। इसके बाद पत्नी ने वह निर्णय लिया जिसके लिए बड़ा दिल भी शायद छोटा पड़ जाय। भावनाओं को समेटकर उन्हें खुद पर हावी होने से रोका और तब ओमप्रकाश की शव यात्रा अमरैयापारा से पुरानी बस्ती के मुक्तिधाम की ओर निकली।
परंपरा और पीढियों से चली आ रही कुरीतियों को पीछे छोड़ पत्नी ने अपने पति के शव को मुखाग्नि दी। पति की आत्मा को शांति मिले शायद इसी बात को ध्यान में रख पत्नी और दो बेटियों ने हिंन्दू धर्म के सभी रिवाजों को पूरा किया। इस दौरान उनकी दोनों नाबालिग बेटियां भी मौजूद रहीं। जिन्होंने बिलखेते हुए अपने पिता को अंतिम विदाई दी। सफेद साड़ी में लिपटी पत्नी और उसकी दो बेटियों ने शव को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर शख्स के मन में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों की आंखे छलक गई थी।
Published on:
19 Mar 2019 11:37 am
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