कोरबा. मुख्यमंत्री की भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होने एक जांजगीर चांपा जिले से मुकेश लहरे ग्राम रंजना पहुंचा। उसने मुख्यमंत्री को अपना पता बताया।
इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि जांजगीर से आप कोरबा क्यों आ गए? वहां क्यों नहीं मिले? इस पर युवक ने कहा कि मेरे पीछे जांजगीर प्रशासन ने 12 पुलिस कर्मियों को लगा दिया था। घर की छत से कूदकर मामा के घर भाग गया। वहां पुलिस ने जीपीएस लोकेशन के आधार पर पकड़ लिया। आपसे मिलने नहीं दिया।
मुकेश लहरे ने मुख्यमंत्री के समक्ष जांजगीर एसडीएम की शिकायत की। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को लेकर जमीन अधिग्रहण में एसडीएम पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। कहा कि हाइवे के लिए किसानों की 46 मीटर जमीन अधिग्रहित की गई है, जो सिंचित है।
जिस किसान को एक जिस किसान को एक करोड़ रुपए मुआवजा मिलना था, उन्हें 50 लाख रुपए प्रदान किया गया। जिन्हें 50 लाख रुपए मिलना था उन्हें पांच लाख रुपए दिया।
साढ़े तीन लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से जमीन का अधिग्रहण किया गया। मुख्यमंत्री ने युवक की बात को गंभीरता से लिया। संभाग आयुक्त को मामले की जांच कर सच्चाइ का पता लगाने के लिए कहा।
युवक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस मसले को लेकर उसने पूर्व में एक शिकायत की थी। इस पर जांच किये बिना एसडीएम ने प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया।
शिकायत पड़ी भारी, कार्यक्रम खत्म होते ही भीड़ से उठा ले गई पुलिस
इधर, सभा खत्म होते ही मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए सफेद वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों ने युवक को पकड़ लिया। कॉलर पकड़कर खींच कर बाहर ले गई। पुलिसकर्मी युवक पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की बात कह रहे थे। युवक बार-बार अपनी गलती पूछ रहा था। लेकिन पुलिस कर्मी कॉलर पकड़कर बाहर ले गए। युवक को जांजगीर प्रशासन और पुलिस की शिकायत करनी महंगी पड़ गई।