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वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय का 16वां दीक्षांत समारोह बुधवार को हुआ। अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति एवं राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि खुला विश्वविद्यालय के पत्राचार पाठ्यक्रम इस तरह से बनें कि उनमें युग की आवाज ध्वनित हो। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के भविष्य के लिए उपयोगी पाठ्यक्रम निर्मित करने और पहले से बने पाठ्यक्रमों को अपडेट करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास से भी विद्यार्थियों को जोड़े। यह समय सूचना क्रांति और इंटरनेट का है। इस दौर में खुला विश्वविद्यालय की प्रासंगिकता तेजी से बढ़ रही है। विजुअल क्लासरूम लर्निंग, इंटरेक्टिव लर्निंग और वीडियो काॅफ्रेंसिंग के जरिए साधारण पाठ्यक्रमों के साथ रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का प्रभावी संचालन करने का आह्वान किया।
मिश्र ने कहा कि आज शिक्षा का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है और दूरस्थ शिक्षा की महती आवश्यकता है। इसका दायरा बढ़ रहा है। आज डिजिटल का युग है और शिक्षा में तकनीक का उपयोग बहुत जरूरी हो गया है, जो शिक्षार्थियों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए कौशल विकास से जुड़ी शिक्षा ही अधिक उपयोगी है। उन्होंने विश्वविद्यालय के आचार्यों को नवीन ज्ञान सृजन पर कार्य करने, शोध की मौलिक संस्कृति विकसित करने तथा विश्वविद्यालयों को अपने यहां शोध में ‘लैब-टू-लैंड’ प्रोग्राम चलाकर किसानों के हित में अनुसंधान करने की भी आवश्यकता जताई।
मिश्र ने खुला विश्वविद्यालय को शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से कार्य किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसी शोध पीठों की स्थापना अपने यहां करे, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मंतव्य को प्रभावी रूप में पूरा किया जा सके। मिश्र ने कोटा खुला विश्वविद्यालय की ओर से बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने के कदम की सराहना की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज हमें हिन्दी को अहमियत देनी होगी। वीएमओयू हर साल एक लाख से ऊपर विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहा है और इस बार यह संख्या काफी बढ़ सकती है।
कुलगीत का लोकार्पण
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित कुलगीत का लोकार्पण किया। इसके अलावा विश्वविद्यालय पर बनी पांच मिनट की लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।
73 टॉपर्स को स्वर्ण पदक
परीक्षा नियंत्रक प्रो. बी. अरुण कुमार ने बताया कि दीक्षांत समारोह में जून 2021 और दिसंबर 2021 की परीक्षाओं की 39065 उपाधियों सहित तीन पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं। विभिन्न विषयों में 73 टॉपर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी दिया गया
सुमित बोथरा और मनोहरलाल को मिला चांसलर गोल्ड मेडल
जून 2021 में एम.कॉम परीक्षा में टॉपर विद्यार्थी सुमित बोथरा और जून 2021 की एमएलआईएस की परीक्षा के टॉपर मनोहरलाल को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किए।
शमसुद्दीन, दिनेश और अजय को मिले विशेष पदक
जून 2021 में बीजे की परीक्षा के टॉपर शमसुद्दीन खान तथा दिनेशचंद्र शर्मा तथा दिसंबर 2021 की बीजे परीक्षा के टॉपर अजय यादव को करुणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किए।
सुप्रिया को मिला विशेष पदक
जून 2021 की पीजीडीएलएल परीक्षा की टॉपर सुप्रिया सिंह को श्रीमती अशर्फी देवी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
तीन विद्यार्थियों को दी गई विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि
विवि के तीन विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया। इनमें चन्द्रशेखर को पत्रकारिता में, सानिया खान को भूगोल तथा निधि जैन को संस्कृत विषय में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
Published on:
10 Jul 2024 08:21 pm
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